More
    Homeप्रदेशजैन धर्म कोई जाति नहीं, जीवन जीने की संस्कृति है-आचार्य श्री विश्वरत्नसागरसूरिश्वरजी...

    जैन धर्म कोई जाति नहीं, जीवन जीने की संस्कृति है-आचार्य श्री विश्वरत्नसागरसूरिश्वरजी म.सा.

    महावीर अग्रवाल 
    मंदसौर १३ मार्च ;अभी तक ;   आचार्य श्री विश्वरत्नसागरजीसूरिश्वरजी म.सा. के मंदसौर नगर आगमन के उपरांत प्रतिदिन मंदसौर नगर में विविध स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हो रहे है। आचार्य भगवंत श्री नवरत्नसागरजी म.सा. के 82वें जन्मोत्सव पर मंदसौर पधारे आचार्य श्री विश्वरत्नसागरजी म.सा. आदि ठाणा 10 एवं साध्वी मण्डल का कल नईआबादी सिथत बलवंत कारपेंटर के संस्थान विश्वकर्मा फ्लोर मिल (आटा चक्की) पर आगमन हुआ। लााभार्थी परिवार की विनती पर संतगणों के पगलिये व मंगलमयी प्रवचन का आयोजन भी किया गया। आचार्य श्री नवरत्नसागरजी म.सा. की जिनवाणी से प्रभावित कारपेंटर परिवार के बलवंत कारपेंटर, सुमन कारपेंटर, लक्की कारपेंटर, वैभव कारपेंटर ने संतों की अगवानी की तथा उनके अपने संस्थान पर पगलिये कराये। उसके बाद लाभार्थी परिवार द्वारा नवकारसी का भी आयोजन किया गया। आचार्य श्री ने इस अवसर पर अपने मंगलमय प्रवचन में कहा कि कारपेंटर परिवार कई वर्षो। से नवरत्नसागरजी म.सा. की कृपा प्राप्त परिवार है तथा वे तीन वर्ष पूर्व में भी संतों के पगलिये कराने का धर्मलाभ ले चुके है। आचार्य श्री नवरत्नसागरजी के मुखारविन्द से जिनवाणी श्रवण कर बलवंत कारपेंटर ने अ पने पूरे परिवार के जैन धर्म व संस्कृति से जोड़ा है। मैं आज बलवंत कारपेंटर के धर्ममय जीवन की खूब खूब अनुमोदना करता हूॅ। आपने कहा कि जैन धर्म कोई जाति नहीं बल्कि जीवन जीने की एक ऐसी संस्कृति है जिससे अजैन भी जुड़ सकते है जो भ्ीा भगवान जिनेश्वर अर्थात 24 तीर्थंकरों में विश्वास करे जिनवाणी पर अटूट विश्वास रखे वहीं जैन है। आपने भारत एवं पड़ोसी देश नेपाल के कई राजवशों का भी उल्लेख किया है जो कि जैन रहे है। आपने कहा कि गुरू के प्रति जो भी सच्ची श्रद्धा समर्पण रखता है वह गुरू भक्त है और श्री बलवंत कारपेंटर का पूरा परिवार नवरत्नसागरजी के प्रति सच्ची श्रद्धा भक्ति रखने वाला परिवार है और इस परिवार ने वास्तव में जैनत्व को अपनाया है। धर्मसभा में गणिवर्य श्री कीर्तिरत्नसागरजी म.सा. व संत श्री तीर्थरत्नसागरजी म.सा. ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर आराधना भवन श्रीसंघ अध्यक्ष दिलीप रांका, सचिव महेश जैन, कोषाध्यक्ष विजय बम्बोरिया, रूपचांद आराधना भवन अध्यक्ष दिलीप डांगी, सचिव संदीप धींग, कोषाध्यक्ष छोटेलाल जैन, समाजसेवी प्रमोद जैन नपा, अभय पोखरना, कमल कोेठारी, विमल छिंगावत, अमित छिंगावत, सुरेश नाहटा, शैलेन्द्र चौरड़िया, अनिल चौरड़िया, कमल डोसी, मुकेश खिदावत, अजय नाहटा, राहुल किलोस्कर, शिखर धींग, दिलीप रांका, विजय रांका, धीरज रांका, समरथ नाहटा, पायल जैन, हेमा हिंगड़, हंसा छिंगावत, नेमीचंद खमेसरा, पारस मेहता, सुरेश पामेचा, अनिल जैन बालावत, सुनील जैन बालावत आदि उपस्थित थे। धर्मसभा का संचालन दिलीप रांका ने किया।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Must Read

    spot_imgspot_img