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    तीर्थनगरी ओंकारेश्वर मे ओम नमः शिवायः व हर हर महादेव की गूंज के साथ चढने लगा है महाशिवरात्री का रंग

    मयंक शर्मा

    खंडवा २५ फरवरी ;अभी तक ;   नर्मदा तट की ज्योंतिर्लिग भगवान ओंकारेश्वर की तीर्थनगरी मे ओम नमः शिवायः व हर हर महादेव की गूंज के साथ चढने लगा है महाशिवरात्री का रंग। महाशिवरात्री शास्त्र सम्मत‘ व्रत बुधवार को माय जायेगा। इस दिन ज्योंतिर्लिग नगरी मे आस्था का सैलाब उमडेगा ।

    ओंकारेश्वर में महाशिवरात्री को लेकर जहां पांच दिवसीय मेला आरंभ हो गया है वहीं पर्व दिवस26फरवरी को श्रीजी (ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग) मंदिर में विशेष पूजा अर्चना का कार्यक्रम होगा। महारुद्र अभिषेक भगवान शिव का अलंकार, विवाह महोत्सव, शिवरात्री के कार्यक्रम के साथ रथोत्सव का आयोजन किया जायेगा।

    ज्योंतिर्लिग नगरी ओंकारेश्वर में महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को  धूमधाम से मनाया जाएगा।भगवान ओंकारेश्वर व ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के साथ ही अखाड़ों, मठ-मंदिरों और आश्रमों में भी धार्मिक कार्यक्रम होंगे। इस मौके पर महाआरती और नगर में जगह-जगह फलाहारी खिचड़ी का वितरण भी होगा। कोई 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड जुंटेगी। श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला मंगलवार से ही शुरू हो जाएगा जो 26 तक जारी रहेगा।
    श्रीजी मंदिर के पट बुधवार तडके 4 बजे से 24 घण्टे खुले रहेगे। ओंकारेश्वर ममलेश्वर मंदिर सहित काशी विश्वनाथ मंदिर, मार्केण्डेय महादेव मंदिर, अभयेश्वर महादेव मंदिर सहित अनेक मंदिरों में रुद्राभिषेक व विशेष पूजन के आयोजन होगे। शाम 4 बजे भगवान भेालेनाथ की शेाभा यात्रा ढोल ढमाकों के साथ निकलेगी जिसमें बाराती रूप में हजारो की तादाद में भक्तजन भाग लेगे।

    मंदिर के  प्रबंध ट्रस्टी राव देवेन्द्रसिंह ने बताया कि श्रीजी मदिर से  शेाभा यात्रा निकलकर कोठी तीर्थ घाट पहुंचेगी। यहां ब्राह्मणों द्वारा 21 लीटर पंचामृत से  अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद नर्मदा तट पर महाआरती होगी। शिवजी का नौका विहार भी होगा। सवारी ओंकार घाट से शिवपुरी क्षेत्र स्थित मुख्य बाजार से होते हुए रात 8 बजे ज्योतिर्लिंग मंदिर पहुंचेगी। शिव-पार्वती के विवाह के रूप में यहां 5 दिवसीय मेला जारी है। शिवरात्री पर जगह जगह  फरियाली भंडारे के आयोजन रखे गये है।

    फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को सृष्टि के उदगम का दिन माना जाता है तो शिव पार्वती के विवाह के रूप में भी मनाया जाता है। यू भी भगवान शिव सहार शक्ति और तमोगुण के अघिश्ठाता है। महाशिवरात्री के बराबर कोई दूसरा पापनाशक व्रत नहीं है। ओंकारेश्वर में महाशिवरात्री पर्व पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये जा रहे है।

    एश्वर्य, सम्पत्ति और अक्षय मोक्ष के दाता की भक्ति में डूबा होगां। जगह जगह शिव मंदिरों में विशेष साज सज्जा के साथ धार्मिक आयोजनो की धूम रहेगी। वहीं घर घर भी पूजा अर्चना के कार्यक्रम होगे। प्रमुख रूप से नर्मदा तट की शिव की नगरी ओंकारेश्वर में कोई 2 लाख से अधिक लोगो का आस्था का सैलाब उमडेगा। देवों के देव महादेव की कृपा के लिये श्रद्धालुजन विशेष पूजा व अराधना उपासना मेें अपने को समर्पित रखेगें तो महिलाये सामूहिक रूप से ंकालरात्रि में शिव पूजा की भक्ति मे रतजगा करेगी।

    ज्योतिष पं0 रमेश शर्मां ने बताया कि शिवरात्री रात्रीकाल में ही मनायी जाती है।
    े अमूमन जिले में 26 को महाशिवरात्री मनेगी।  जानकारों के अनुसार, शिवरात्रि सदैव अर्द्ध रात्रि को ही मानी जाती है।प्रायः शिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष में चतुर्दशी को मनाई जाती है।

    महाशिवरात्री व्रत के प्रभाव से कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर प्राप्त होता है और जिन महिलाओं का विवाह हो चुका है, वे सौभाग्यशालिनी बनी रहती हैं। वहीं इस व्रत को रखने से मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं, जैसे- अविवाहितों की शीघ्र शादी होती है, सुहागिनों का सौभाग्य अखंड रहता है,

    दांपत्य जीवन में प्रेम की प्रगाढ़ता और सामंजस्य बना रहता है। संतान सुख मिलता है, धन, धान्य, यश, सुख, समृद्धि, वैभव, ऐश्वर्य में वृद्धि होती है, आरोग्य वरदान मिलता है।यह संयोग है कि  बुधवार को बहुंसख्यक भक्तो द्वारा व्रत किया जायेगा ।

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