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    दशपुर जागृति संगठन भगतसिंह सुखदेव राजगुरु का बलिदान दिवस 23 मार्च को क्रांति चौराहे की मांग पत्र के साथ मनाएगा

    महावीर अग्रवाल 

    मन्दसौर २१ मार्च ;अभी तक ;   भगत सिंह सुखदेव राजगुरु का बलिदान दिवस उनके द्वारा किए गए कार्य पर प्रकाश डालते हुए मात्र 23 वर्ष, 22 वर्ष और 23 वर्ष में तीनों क्रांतिकारियों को 23 मार्च को समय से पहले फांसी दे दी गई थी। ऐसे महान क्रांतिकारियों के देश में आज उनको याद करने के लिए दशपुर जागृति संगठन ने संकल्प लेकर बलिदान दिवस मातृभूमि की माटी को हाथ में लेकर मनाएगा ।
                                                  क्रांतिकारियों व देश के सैनिकों के सम्मान के लिए देश का प्रथम संगठन मंदसौर से संचालित विगत 15 वर्षों से लगातार आजादी के महानायकों को उनके बलिदान को चिरस्थाई स्थाई बनाने के साथ ही उनके विचारधारा का देश बनाने के लिए संकल्पित भ्रष्टाचार, मुक्त समाज की स्थापना, अमीर गरीब की खाई को मिटाना, आय से अधिक संपत्ति वालों की जांच करवाना, भ्रष्टाचार में लिफ्ट राजतंत्र एवं अधिकारियों की जांच की मांग को तेज करना, चौराहा का नामकरण देशभक्ति के नाम करने के संकल्प को लेकर आगे बढ़ते हुए 23 मार्च को प्रातः 10.30 बजे नगर पालिका सीमा के अंदर क्रांति चौराहा की मांग करते हुए भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु तीनों के स्टैचू की मांग करते हुए मांग पत्र नगर पालिका अध्यक्ष के नाम जारी करते हुए संगठन बनाएगी।
                                                             इस कार्यक्रम में पुष्पांजलि के साथ ही भगतसिंह का अंतिम पत्र का वाचन किया जाएगा तीनों महान क्रांतिकारियों की पुष्पांजलि के साथ शपथ ली जाएगी। हम इस देश के अंदर क्रांतिकारियों के बलिदान को बेकार नहीं जाने देंगे। हम मातृभूमि के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को जांच करवाने का संकल्प लेकर कार्य करने का मातृभूमि की माटी को हाथ में लेकर संकल्प लेंगे। इस कार्यक्रम को गरिमामय बनाने के लिए संगठन के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे ।
                                                                 दशपुर जागृति संगठन लगातार अपने कार्यों को आगे बढ़ते हुए उसने मांग करी है कि राष्ट्रीय संपत्तियों के नाम भी क्रांतिकारियों के नाम से की जाने चाहिए लेकिन कुछ राजनेताओं की झूठी महत्वाकांक्षा के कारण कई राष्ट्रीय धरोहर के नाम राजनेताओं के कर दिए गए हैं जो की एक राष्ट्रभक्तों को दुख और पीड़ा प्रदान कर रहे हैं उन राजनेताओं ने महान क्रांतिकारियों को भुला दिया है। उन्होंने अपने नेताओं को इन क्रांतिकारों से बड़ा मन है लेकिन अभी चलने वाला नहीं इसके दुष्परिणाम भी सामने आएंगे जो राष्ट्र भक्तों का नहीं वह इन महान क्रांतिकारियों के प्रति उसके दिल में सम्मान नहीं है नहीं तो वह अग्रिम पंक्ति में आजादी के महानायकों के नाम से इनका नामकरण किया जाता तो अति उत्तम होता। दशपुर जागृति संगठन ने धर्म जाति और राजनीति के नामकरण पर रोक लगाने की मांग को रोका है जिसमें कुछ हद तक सफलता मिली है संगठन 23 मार्च को और कार्य को तेजी लाने के लिए 10.30 बजे रविवार को इस कार्यक्रम को आयोजित करेगा। यह जानकारी संगठन के संयोजक सत्येंद्र सिंह सोम द्वारा दी गई।

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