महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २ अप्रैल ;अभी तक ; दशपुर रंगमंच ने गुड़ी पड़वा पर गीत संगीत कार्यक्रम आयोजित किया। सर्वप्रथम सतीश सोनी ने गीत गाया ‘‘मैं शायर तो नहीं’’। डॉ. विक्रांत भावसार ने गीत गाया ‘‘तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है।’’ लोकेन्द्र पाण्डे ने गीत ‘‘तू मेरी जा तू मासूम तू शैतान’’ सुनाया। आशीष मराठा ने गीत ‘‘तू ही मेरी शब है’’ सुनाया। नरेन्द्र सोगोरे ने गीत ‘‘कही दूर जब दिन ढल लाये’’ सुंदर रूप से प्रस्तुत किया। दिव्यांश वर्मा ने ‘‘चला जाता हूॅ किसी की धुन मेें’ सुनाकर दाद बटोरी।
स्वाति रिछावरा ने गीत ‘‘हमने देखी है उन आँखों की महकती खुशबु’’ को सुरीली आवाज में गाया। डॉ. महेश शर्मा ने गीत ‘‘चांद सी महबूबा हो मेरी’’ सुनाया। ललिता मेहता ने गीत ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना’’ व नव्य सिसौदिया ने गीत ‘‘मेरी मॉ के बराबर कोई नहीं’’ सुनाया।
अभय मेहता, राजा भैया सोनी, किरण सोनगरा ने भी गीतों की प्रस्तुति दी। डिम्पल सिसौदिया, आकांक्षा पोखरना एवं डॉ. निलेश नगायच ने कविता की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित पूर्व विधायक यशपालसिंह सिसौदिया ने दशपुर रंगमंच के कार्यों की सराहना की। डॉ. स्वप्निल ओझा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। दशपुर रंगमंच के संस्थापक अभय मेहता का जन्मदिन मनाया। संचालन सतीश सोनी ने किया व आभार ललिता मेहताने माना।
स्वाति रिछावरा ने गीत ‘‘हमने देखी है उन आँखों की महकती खुशबु’’ को सुरीली आवाज में गाया। डॉ. महेश शर्मा ने गीत ‘‘चांद सी महबूबा हो मेरी’’ सुनाया। ललिता मेहता ने गीत ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना’’ व नव्य सिसौदिया ने गीत ‘‘मेरी मॉ के बराबर कोई नहीं’’ सुनाया।
अभय मेहता, राजा भैया सोनी, किरण सोनगरा ने भी गीतों की प्रस्तुति दी। डिम्पल सिसौदिया, आकांक्षा पोखरना एवं डॉ. निलेश नगायच ने कविता की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित पूर्व विधायक यशपालसिंह सिसौदिया ने दशपुर रंगमंच के कार्यों की सराहना की। डॉ. स्वप्निल ओझा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। दशपुर रंगमंच के संस्थापक अभय मेहता का जन्मदिन मनाया। संचालन सतीश सोनी ने किया व आभार ललिता मेहताने माना।