More
    Homeप्रदेशदेवशयनी ग्यारस पर विशेष- देवशयनी एकादशी पर देवता सोते नहीं "योग निद्रा"...

    देवशयनी ग्यारस पर विशेष- देवशयनी एकादशी पर देवता सोते नहीं “योग निद्रा” में चले जाते हैं     

    *रमेशचन्द्र चन्द्रे*
           मंदसौर ६ जुलाई ;अभी तक ;   प्राचीन काल में राजा बलि एक अत्यंत ही महत्वकांक्षी तथा साम्राज्य का विस्तार करने वाला बहुत ही शक्तिशाली राक्षस राजा था किंतु वह धर्मात्मा एवं दानवीर भी था। उसने त्रिभुवन पर अर्थात तीनों लोक पर अपना शासन स्थापित कर लिया था जिसके कारण वह अहंकारी हो गया और वह स्वर्ग के देवताओं पर भी अत्याचार करने लगा इससे दुखी होकर देवताओं ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि, आप राजा बलि के अत्याचारों से हमको मुक्त कराएं।
         इधर राजा बलि ने एक महान यज्ञ की आयोजना की जिसमें दूर-दूर से ब्राह्मण भी पहुंचे इसमें भगवान विष्णु भी वामन अवतार के रूप में उपस्थित हुए। यज्ञ समाप्ति के पश्चात सभी ब्राह्मणों को राजा बलि, दान दे रहे थे,तब विष्णु के रूप में एक बौना ब्राह्मण भी बलि के समक्ष उपस्थित हुआ। राजा बलि ने पूछा आप तो बहुत छोटे कद के ब्राह्मण हैं आपको क्या चाहिए? तो उन्होंने बलि से कहा कि मुझे तीन पग जमीन चाहिए। राजा बलि ने सहर्ष स्वीकार किया। राजा बलि ने दान का संकल्प लेने के लिए जब केटली जैसी तांबे की झारी से हाथ में पानी लेने का प्रयास किया तो राक्षसों के गुरु शुक्राचार्य समझ गए की बलि के साथ कोई षड्यंत्र होने वाला है और वह उस झारी की नली में भंवरा बन कर बैठ गए ताकि झारी से पानी ना निकल सके। भगवान विष्णु समझ गए कि शुक्राचार्य हमारे काम में अड़चन डालेंगे, उन्होंने पास में पड़े एक तिनके से उस झारी की नली में कचरा साफ करने के लिए छेद किया फल स्वरूप शुक्राचार्य जी की एक आंख फूट गई तथा जारी की नली से पानी आ गया।
           अब वामन रूपी भगवान विष्णु ने एक विशालकाय रूप धारण किया और एक ही पग में पूरी धरती नाप ली तथा दूसरे पग में आकाश को नाप लिया, जब तीसरे पग का अवसर आया तो भगवान विष्णु ने पूछा- अब तीसरा पग कहां रखूं तो राजा बलि ने विनम्र होकर अपना शीश झुकाया और कहा- महाराज! आपका तीसरा पग मेरे शीश पर रख दीजिए। इससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने राजा बलि को पाताल लोक का राजा बना दिया किंतु राजा बलि ने कहा कि- महाराज! आपको मेरी राज्य की सुरक्षा करना पड़ेगी इसलिए आप मेरे राज्य के प्रधान प्रहरी बन जाइए, भगवान विष्णु ने राजा बलि का निवेदन स्वीकार कर लिया और वह पाताल लोक में प्रहरी के रूप में राजा बलि के राज्य की रक्षा करने लगे तथा बलि के अत्यंत ही प्रिय हो गए।
            जब भगवान विष्णु पाताल लोक में बलि के बंदी बन गए तो वैकुंठ, स्वर्ग एवं पृथ्वी पर हाहाकार मच गया फिर देवताओं ने लक्ष्मी जी से कहा कि- भगवान विष्णु को वापस लाने का उपक्रम करो तब लक्ष्मी जी, रूप बदलकर पाताल लोक गई और बली राजा को कहा कि- मैं आपको रक्षा सूत्र बांधना चाहती हूं, राजा बलि ने सहर्ष स्वीकार कर लिया रक्षा सूत्र बांधने के बाद राजा बलि ने लक्ष्मी जी से पूछा कि आप एक भाई से क्या चाहती हैं? तो लक्ष्मी जी ने कहा कि- मैं आपका यह मुख्य प्रहरी भेंट में चाहती हूं। राजा बलि यह सुनकर अचंभित हुए लेकिन वे समझ गए कि  यह लक्ष्मी जी हैं और लक्ष्मी भी अपने असली रूप में प्रकट हो गई।
             एक बहन के प्रति वचनबद्ध होकर उन्होंने भगवान विष्णु को एक शर्त पर छोड़ने वचन दिया कि वह 4 माह मेरे राज्य, पाताल लोक में रहेंगे, लक्ष्मी जी ने इसे स्वीकार कर लिया तभी से देवशयनी एकादशी से लेकर दीपावली बाद देव उठनी एकादशी तक भगवान विष्णु राजा बलि के राज्य पाताल में चले जाते हैं
             उक्त समय में पृथ्वी पर कोई भी मंगल कार्य संपन्न नहीं होते। अतः विवाह शादी पर रोक लग जाती है, इसी तारतम्य में यह कहा जाता है कि अब 4 महीने देवता सो गए किंतु भगवान विष्णु लक्ष्मी जी सहित पाताल लोक में निवास करते हैं, इसीलिए रक्षाबंधन के अवसर पर बली राजा का स्मरण करके राखी बांधी जाती है ताकि जिस रक्षा सूत्र के सहारे लक्ष्मी जी ने त्रिलोक के देवता भगवान विष्णु को मुक्त करा लिया उसी तरह हम भी एक बहन की राखी बांधने के बाद सारे बंधनों से मुक्त हो जाएं।
           उक्त चार माह धार्मिक कर्मकांड के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें श्रावण मास भी आता है इसलिए मृत्यु लोक के प्राणी भगवान विष्णु की और लक्ष्मी की रक्षा के लिए एवं प्राणी मात्र के कल्याण के लिए धार्मिक कर्मकांड में लग जाते हैं। जिस प्रकार देवता 4 महीने तक योग निद्रा में रहकर तीनों लोकों  के सफल संचालन के लिए शक्ति अर्जित करते हैं उसी तरह मृत्यु लोक में भी सभी प्राणियों को धार्मिक कर्मकांड कर शक्ति अर्जित करना चाहिए ताकि संसार का संचालन करने वाले देवताओं की शक्ति बढ़ सके।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Must Read

    spot_imgspot_img