आशुतोष पुरोहित
खरगोन एक अप्रैल ;अभी तक ; मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के नई शिक्षा नीति पर प्रकाशित टिप्पणी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि संभवतः उन्होंने इसे देखा नहीं है।
महेश्वर में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने सोनिया गांधी के लेख पर कहा कि वह इसकी कटु शब्दों में निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि उन्होंने नई शिक्षा नीति देखी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने हमें अपने अतीत पर गर्व करना चाहिए । यदि उसे कोई अतिरंजित या सांप्रदायिक कहता है तो सच्चाई यह है कि सांप्रदायिक तो वह थे।
उन्होंने कहा कि महाराज शिवाजी की अकबर या औरंगजेब से तुलना करेंगे तो हमारी जड़े तो शिवाजी की तरफ ही जुड़ना चाहिए। हमारे भाव तो हमारे देश की नागरिकों की तरफ ही होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह देश रहीम और रसखान का भी सम्मान करता है क्योंकि उन्होंने कृष्ण भक्ति के माध्यम से जड़ों से जोड़ने का प्रयास किया। लेकिन जिन शासको का भारत के प्रति कोई लगाव नहीं था, यह उसी प्रकार से है, जैसे अंग्रेजो का है। अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई इसीलिए लड़ी गई।
उन्होंने कहा कि मूल बात यह है कि शिक्षा नीति से स्वावलंबन व संस्कार आना चाहिए और हमारी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। इसके अलावा शिक्षा से जुड़कर भविष्य की लंबी छलांग भी लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अतीत की गलतिययों के कारण देश गुलाम हुआ था, हमें उन सारी बातों से हटकर बात करने की जरूरत है। उन्होंने कहा मुझे इस बात का संतोष है कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से उन बातों को जोड़ने का प्रयास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि के महेश्वर में हुई कैबिनेट बैठक के निर्णय के आधार पर प्रदेश के 17 धार्मिक स्थानों पर 1 अप्रैल से शराब बंदी की जाएगी। उन्होंने कहा कि शराब बंदी पूर्व में भी थी। लेकिन उसकी भूमिका और परिसीमा स्पष्ट नहीं थी ,हमने परिसीमा को स्पष्ट किया है।