आनंद ताम्रकार
बालाघाट २९ मई ;अभी तक ; कलेक्टर श्री मृणाल मीणा के निर्देश पर जिले में खादय एवं बीज के विक्रय पर निगरानी रखे जाने हेतु एक जांच दल गठित किया गया था जांच दल को जानकारी प्राप्त होने पर जांच दल द्वारा कटंगी अनुविभाग के तिरोड़ी थाना अंतर्गत बोथवा साईं राइस मिल में आकस्मिक जांच की गई जांच के दौरान 234 क्विंटल धान पाई गई जिसे एमटीयू 1010 एवं आई आर 64 के नाम से बोरियों में भरा जा रहा था।
जांच दल को मौके पर मिली बोरियों में हरित हाइब्रिड सीड्स कॉर्प बालाजी नगर हैदराबाद के नाम से प्रिंटेड पाई गई। जब्तशुदा धान बीज की कीमत 2.4 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
गत 23 मई को उकवा में जांच दल ने जब दबिश दी तब साईं राइस मिल के संचालक कामनसिंह ठाकुर ने अवगत कराया की साईं राइस मिल को उसने हरित हाइब्रिड सीड्स हैदराबाद कंपनी को 1 माह के लिये किराये से दिया था। जिसे कंपनी के प्रतिनिधि प्रीतम बोपचे निवासी ग्राम बालडोगरी तहसील तिरोड़ी के द्वारा उनकी मिल में धान बीज की किस्म एटीयू 1010 एवं आई आर 64 के नाम से ग्रेडिंग कर पैकिंग की जाती थी धान बीज का भंडारण और क्रय विक्रय यहीं से किया जाता था।
प्रीतम बोपचे से जब्त किये गये बीज के उत्पादन एवं पैकिंग तथा क्रय विक्रय के संबंध में अभिलेख मांगे जाने पर कोई भी अभिलेख प्रस्तुत नहीं किये गये। जांच दल को निरीक्षण के दौरान उत्पादक कंपनी के नाम से प्रिंटेड खाली बैग एवं नीले और हरे रंग के टेग जो बोरियों में लगाये जाते है जब्त किये गये जो बीज प्रमाणीकरण अधिकारी द्वारा सत्यापित नही किये गये थे।
उक्त हाइब्रिड सीड्स कंपनी का आफिस हाउस नंबर 242/आइबी ,बालाजी नगर मेडचाल हैदराबाद पिन कोड 501401 बताया गया है जांच में पाया गया है की प्रीतम बोपचे जो कंपनी के प्रतिनिधि है उनके द्वारा अवैधानिक तरीके से बीज का व्यापार कर किसानों के साथ धोखाधड़ी की जा रही थी।
जिसके आधार पर बीएनएस की धारा 211 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1995 की धारा 3 एवं धारा 7 तथा बीज अधिनियम बीज नियंत्रण आदेश के प्रावधानों का उल्लंघन है।
पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर फर्म की विवेचना प्रारंभ कर दी है।
बताया गया है की उक्त एजेंट द्वारा 5 गुनी ज्यादा कीमत पर किसानों को धान बीज बेचने की तैयारी की जा रही थी।
यह उल्लेखनीय है की बालाघाट जिले में अनेक ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर किराये पर गोदाम लेकर इसी तरह धान बीज की ग्रेडिंग कर मनमाने दाम पर बेचने के लिये कंपनियों के प्रतिनिधियों ने जिला कृषि विभाग में ऑनलाइन पंजीयन करवाया है।
जिससे स्थान के नाम पर पंजीयन किया जाना बताया गया है वहां कृषि विभाग के अधिकारी स्थल का भौतिक निरीक्षण नहीं करते ऐसा मिलीभगत के चलते हो रहा है।
इन विसंगतियों के चलते आने वाले खरीफ के मौसम की बुआई के लिये किसानों की ओर से धान बीज की भारी डिमांड निकलती है। उसी के आड़ में नकली और अमानक बीज का कारोबार कृशि विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ और संरक्षण में चल रहा है।