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    पाण्डरवानी मिरगपुर गांव में मैगनीज की भूमिगत खदान में गत 11 फरवरी को पत्थर गिरने से एक मजदूर की हुई मौत के मामले में अब नया मोड़

    आनंद ताम्रकार

    बालाघाट १२ मार्च ;अभी तक ;  बालाघाट जिले की तिरोड़ी तहसील में स्थित पाण्डरवानी मिरगपुर गांव में डीपी राय द्वारा संचालित की जा रही मैगनीज की भूमिगत खदान में गत 11 फरवरी 2025 को पत्थर गिरने से एक मजदूर की हुई मौत के मामले में अब नया मोड़ आ गया है।

    राष्ट्रीय ओबीसी एसटी एससी क्रांति मोर्चा द्वारा इस घटना की पुनः जांच किये जाने के संबंध में पुलिस अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपा गया।

    शिकायत के बाद पुलिस द्वारा पुनः जांच किये जाने पर यह तथ्य प्रकाश में आया है की खदान प्रबंधन द्वारा खदान में हुई दुर्घटना की जानकारी तथा घटनाक्रम छिपाते हुये पुलिस को गुमराह किया गया साक्ष्य विलोपित किये गये। इतना ही नही दुर्घटना को छिपाते हुये मृत्यु के कारणों के संबंध में महुआ पेड़ की कटाई के दौरान मौत होना बताया गया।

    पुलिस की जांच में यह तथ्य भी उजागर हो गया है की खदान प्रबंधन द्वारा मृतक के पिता सहित उसके परिजनों पर ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों से दबाव तथा आर्थिक प्रलोभन पाकर पुलिस में पिता द्वारा झूठी कहानी गढते हुये मृत्यु के तथ्यों को छुपाये गये। पुलिस के संज्ञान में सच्चाई आने के बाद दुर्घटना से जुड़े व्यक्तियों एवं घटनास्थल से संबंधित साक्ष्यों के संबंध में पूछताछ की जा रही है।

    यह उल्लेखनीय है की 11 फरवरी 2025 को 10 टन का पत्थर गिरने से आयुष लिल्हारे नामक युवक की घटनास्थल पर मृत्यु हो गई थी। घटना के समय उसके साथ अन्य 12-13 मजदूर भी कार्य कर रहे थे। उन श्रमिकों द्वारा मजदूर को मलबे से बाहर निकालकर खदान के ऊपर लाया गया उसे प्रबंधन द्वारा तुमसर ले जाया गया जहां डॉक्टर ने भंडारा ले जाने की सलाह दी।

    इस संबंध में पुलिस को दिये गये बयान में श्रमिक कमलेश उपवंशी ने बताया की 10 फरवरी को वह तथा अन्य श्रमिकगण रात्रि 11 बजे तीसरी सिप्टी में 180 लेबल में कार्य कर रहे थे जहां ब्लास्टिंग किये जाने के बाद निकलने वाले मैंगनीज को बाल्टी में भरकर ऊपर ले जाने के लिये गये थे तभी रात्रि 3 बजे एक चट्टान गिरी जिसके कारण मलबे में दबकर यह हादसा हो गया। पत्थर हटाने के बाद उसे कंपनी कार्यालय में उपर लाया गया जहां से निजी वाहन से तुमसर ले जाया गया था।

    पुलिस को मृतक के पिता किशोर लिल्हारे ने बताया की फोरमैन ठाकरे के फोन पर राहुल सिंह का फोन आया था जिसमें उसने कहा था की पुलिस को बताना की घटना पेड काटने के दौरान गिरने से हुई है।
    इस प्रकार खदान प्रबंधन द्वारा भूमिगत खदान में हुई घटनाक्रम को छिपाकर पुलिस को झूठी जानकारी देकर गुमराह किया गया और घटनाक्रम के साक्ष्यों को मिटाने की कोशिश की गई।

    पुलिस थाना तिरोड़ी  के जयंत मर्सकोले ने बताया की पुलिस द्वारा इस मामले में गहनता से छानबीन की जा रही है और खदान प्रबंधन मृतक के परिवारजनों तथा अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है।

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