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    Homeप्रदेशप्रकृति के प्रति संवेदनशील बनकर ही बचा सकते हैं पर्यावरण- सार्थक

    प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनकर ही बचा सकते हैं पर्यावरण- सार्थक

    महावीर अग्रवाल 

    मन्दसौर एक  अप्रैल ;अभी तक ;   नितवन पब्लिक स्कूल के सभागृह में सार्थक संस्था की वर्ष 24- 25 की बैठक संपन्न हुई। जिसमें, वृक्षारोपण, जल संरक्षण, जल यात्राओं एवं कार्यशालाओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को लेकर वर्ष भर किए गए कार्यों का पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से  प्रदर्शन किया गया। साथ ही कार्यों की समीक्षा की गई। वर्ष 24 -25 में अर्थ डे पर राजेंद्र सिंह वाटरमैन के किसानों के साथ किए गए कार्यक्रम, शिवलोक जागरण यात्रा, पर्यावरण दिवस पर रैली एवं 1000 पौधों का वितरण, विभावरी संस्था के फाउंडर सुनील चतुर्वेदी के द्वारा एक दिवसीय नगर पालिका में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर की गई कार्यशाला एवं अन्य पर्यावरण जागरूकता के कार्यक्रम वर्ष  भर में किए गए। ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र के 11 शिक्षण संस्थानों में छात्रों के साथ कार्यशालाएं, पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम किए गए। इसमें शासकीय कन्या महाविद्यालय, शासकीय पीएम श्री महाविद्यालय, उद्यानिकी महाविद्यालय, रिछालालमुहा के हायर सेकेंडरी दोनों स्कूल, सीएम राइज स्कूल गुर्जरबर्डिया माधव एकेडमी, वात्सल्य स्कूल, जैन शिक्षण महाविद्यालय, नवोदय स्कूल लदुना इन सभी संस्थाओं में सार्थक पहुंचा और  कार्यशालाएं आयोजित कीं। इन कार्यशालाओं के माध्यम से संस्था लगभग 3000 छात्रों तक पहुंची। वर्ष 25-26 में संस्था का लक्ष्य 5000 छात्रों के साथ कार्यशालाएं आयोजित करने का है।
    बैठक में सार्थक की सचिव श्रीमती रचना दोषी ने बताया कि सार्थक के संस्थापक डॉ उर्मिला तोमर ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा कि नर्मदा परिक्रमा के दौरान नर्मदा की स्थिति को निकट से जाना, अनेक स्थलों पर नर्मदा मैया बहुत दुरावस्था को प्राप्त है। साथ ही शिवना लोक जागरण यात्रा का जिक्र करते हुए कहा यदि हम शिवना की सुधि नहीं लेंगे तो शिवना मैया दम तोड़ देगी, पर्यावरण के हालात चिंतनीय हैं सभी को अपने जीवन के हर अवसर पर वृक्ष लगाने उन्हें बड़ा करने का संकल्प लेने की आवश्यकता है।  सार्थक संस्था के जिन सदस्यों ने अभी तक रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम इनस्टॉल नहीं कराया है, मई माह तक अवश्य लगवा लें जिससे इस मानसून का करोड़ों लीटर पानी हम जमीन में उतार सकें ।  मीटिंग में संस्था के सदस्यों द्वारा अनेक उपयोगी सुझाव दिए गए सार्थक यूथ विंग बनाने पर विचार हुआ ,मानसून सत्र के पूर्व वृक्षारोपण के लिए स्थलों का निरीक्षण एवं चयन मई माह तक किया जाना तय हुआ।
    इस वर्ष विभिन्न प्रजातियों के छायादार एवं फलदार 3000 से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया। श्रीमती प्रीति छाबड़ा ने प्रकृति के संसाधनों को मितव्ययता से उपयोग करने की आदत बनाने की बात कही। विगत वर्ष में लगाए गए लगभग 2900 पौधे उचित देखभाल के चलते 90 प्रतिशत चल रहे हैं।
    मीटिंग में डॉ.वीणा सिंह, डॉ. सौरभ सिंह, डॉ. अनुज बालियान श्री हस्ती सांखला, अंजना पटेल, श्रीमती भारती पाटीदार, श्रीमती तृप्ति पाटीदार, श्री अनंत तारे, श्री के एल भावसार श्रीमती रेखा जोशी, श्रीमती शीला भंडारी, श्री सचिन शर्मा, श्री कमल नयन गुप्ता, श्री अरविंद जाट, रविराज सिंह सभी ने उपस्थित होकर सार्थक का विस्तार करने के संदर्भ में अपने सुझाव दिए। इस अवसर पर शासकीय पीएम श्री महाविद्यालय  के एन.एस.एस प्रभारी डॉ. अनिल आर्य का उत्कृष्ट एनएसएस सेवाओं के लिए और श्री एम. एस. मक्कड़ जी का संस्था की ओर से शॉल पहना कर एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक कैनवास बैग और पानी की बोतल देकर स्वागत किया।

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