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    बेटी बचाओं बेटी पढाओं की योजना के नाम से आमजनों से धोखाधडी करने के आरोप में 4 गिरफ्तार

    आनंद ताम्रकार

    बालाघाट 11 मार्च ;अभी तक ;  जिले की वारासिवनी पुलिस ने शासकीय योजना बेटी बचाओं बेटी पढाओं की योजना के नाम से आमजनों से धोखाधडी करने के आरोप में 4 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया है। इन आरोपियों में 2 राजस्थान तथा 2 बालाघाट जिले के निवासी है।

                                   इन आरोपियों द्वारा पे टू पे सोशियल फाउंडेशन नामक की संस्था के माध्यम से चैन स्क्रीम चलाकर तथा  मैच्योरिटी होने पर 1 करोड़ देने का लालच निचले मध्यम वर्ग को जोड़कर अपनी फर्जी स्कीम चला रहे थे।

    अनुविभागीय अधिकारी पुलिस श्री अभिषेक चौधरी ने प्रकरण के संबंध में जानकारी देते हुए बताया की 9 मार्च 2025 को आवेदिका रंजीता फुलमारी पति अमित फुलमारी वारासिवनी निवासी द्वारा शिकायत दर्ज कराई थी की पे टू पे सोशियल फाउंडेशन जयपुर राजस्थान के कर्मचारी तथा अधिकारियों द्वारा बेटी बचाओं बेटी पढाओं योजना को शासकीय योजना बताकर अवैध रूप से चैन सिस्टम के माध्यम से आमजनों के साथ धोखाधडी कर पैसा हड़प कर रहे थे। वारासिवनी क्षेत्र से लगभग 14 हजार लोगों के इस धोखाधड़ी के शिकार होने की जानकारी पुलिस को प्राप्त हुई है।

    श्री चौधरी ने अवगत कराया की पुलिस द्वारा संज्ञान लेकर पुलिस अधीक्षक श्री नगेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में विवेचना प्रारंभ की गई धोखाधडी के ऐसे प्रकरण को गंभीरता से लेकर पतासाजी के लिये नगर निरीक्षक हेमंत नायक के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा संस्था के अध्यक्ष प्रभुदयाल शर्मा राजस्थान,संस्था के सीनियर महिपाल सिह सेखावत, कैलाश जांगिड़ एरिया मैनेजर, शंकर सिंह परिहार बालाघाट तथा हरीश मेश्राम वारासिवनी के विरूद्ध धारा 318(4),111(2)बी, 3,4,5 इनामी चिटफंड धान परिचालन स्कीम (पाबंदी) अधिनियम 1978 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

    श्री चौधरी ने बताया की आरोपियों के द्वारा आमजनों को शासकीय योजना बेटी बचाओं बेटी पढाओं बताकर इस योजना से जुडने पर शादी होने के समय 1 लाख रूपये मिलने का प्रलोभन दिया जाता था। इसके एवज में 550 रुपये लेकर हितग्राही को रसीद दी जाती थी तथा संस्था के नाम से राशि जमा कराई जाती थी।

    इतना ही नही इस योजना में 3 सदस्य बनाने और चैन से जुडने पर 40 रुपये प्रति हितग्राही कमीशन दिया जाता था इस स्क्रीम में 17 लेवल बनाये गये थे जिसमें हर लेबल पर इनाम दिया जाता था और तो और 17 लेवल तक पहुंचने वाले व्यक्ति को 1 करोड़ रुपये का कमीशन देने का लालच दिया जाता था इस प्रकार इन आरोपियों द्वारा अब तक 93 हजार सदस्यों को जोड़े जाने की बात बताई गई है जिसके माध्यम से 5 करोड़ 10 लाख 50 हजार रुपये जमा किये जाने के नाम पर धोखाधड़ी किये जाने का खुलासा हुआ है।

    पुलिस अधीक्षक श्री नगेन्द्र सिंह आमजनों से अपील की है की किसी भी शासकीय योजना के नाम प्रलोभन दिए जाने की चलाई जाने वाली स्की्म से सावधान रहे तथा रकम का निवेश करने के पहले शासकीय स्तर पर पता लगा ले और आंख मूंदकर ऐसी योजनाओं में निवेश करने से बचे।

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