महावीर अग्रवाल
मंदसौर २५ फरवरी ;अभी तक ; इतिहास विभाग द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान में छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस मंदसौर के प्राचार्य डॉ. जे.एस. दुबे ने कहां की मनुष्य एक विवेकशील प्राणी है। मनुष्य और जानवर के बीच यही अंतर है कि मनुष्य में कर्तव्य और अकर्तव्य के बीच अंतर को समझने की क्षमता है। वही उसे विवेकशील प्राणी बनाती है।
आपने मानववाद व मानवतावाद के अंतर को भी विस्तृत रूप से समझाया और भारतीय संस्कृति में मानवतावाद को रेखांकित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में विभागाध्यक्ष डॉ. उषा अग्रवाल कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि भारतीय संस्कृति में मानवतावाद और नैतिकतावाद सर्वोपरि है। भारतीय संस्कृति की सबसे बडी विशेषता समन्वयवाद है इसीलिए विभिन्न संस्कृतियां भारत में आई और चली गई किन्तु भारतीय संस्कृति अपनी अनेकता में एकता के मूल भाव को लिए हुए आज भी जीवित है। सभ्यता बाहरी आवरण है और संस्कृति आंतरिक भाव को अभिव्यक्त करती है।
कार्यक्रम का का संचालन डॉ. शिवकुमार पांडे ने किया आभार डॉ. राजेश सकवार ने व्यक्त किया और इस अवसर पर इतिहास विभाग के अतिथि विद्वान कु. शबनम खान एवं राहुल पालीवाल भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में लगभग 120 विद्यार्थियों ने भाग लिया और रूचि पूर्वक व्याख्यान को सुना I