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    महिलाओं को अपनी शिक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए निरंतर प्रयास होगा :: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 

    रवीन्द्र व्यास 

    छतरपुर 26 फरवरी ;अभी तक ;  राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज (26 फरवरी, 2025) मध्य प्रदेश के गढ़ा, छतरपुर में श्री बागेश्वर जन सेवा समिति द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुईं। राष्ट्रपति की ओर से वधुओं को साडी और वर को सूट प्रदान किये गए | प्रतीकात्मक तौर पर तीन जोड़ों को यह भेंट भी दी गई |

                                    राष्ट्रपति ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारा देश महिलाओं के विकास से महिलाओं के नेतृत्व में विकास की ओर आगे बढ़ रहा है। ऐसे में हम सभी को अपनी बेटियों और बहनों को सशक्त और सक्षम बनाने में योगदान देना चाहिए। उन्होंने लोगों से महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमारे छोटे-छोटे प्रयास उन्हें सशक्त बनाएंगे। उन्होंने महिलाओं को अपनी शिक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए निरंतर प्रयास करने की सलाह भी दी।

    भारत की संत परम्परा 

                                       राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी परंपरा में संतों ने सदियों से जनमानस को राह दिखाई है। उन्होंने समकालीन समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाई है। उन्होंने जाति, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव के खिलाफ भी आवाज उठाई है। चाहे गुरु नानक हों, संत रविदास हों, संत कबीर दास हों, मीरा बाई हों या संत तुकाराम हों, सभी ने अपने उपदेशों  के माध्यम से लोगों को सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया है। भारतीय समाज में उनके योगदान ने उन्हें सम्मानजनक स्थान दिलाया है। उन्होंने कहा कि समकालीन आध्यात्मिक गुरु आत्मनिर्भर, सामंजस्यपूर्ण और पर्यावरण के अनुकूल भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
                                     कार्यक्रम के प्रारम्भ में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए उन्हें तुलसी की माला , हनुमान यंत्र , हनुमान जी का विग्रह और सनातन साहित्य के साथ स्मृति चिन्ह भेंट किया | उन्होंने राष्ट्रपति के स्वागत भाषण में कहा यह हम सबका सौभाग्य है कि छोटे से गाँव में राष्ट्रपति जी पधारी हैं | उन्होंने कहा कि समिति में २०० लोगों ने इन २५१ कन्याओं का चयन किया | जिसमे १०८ आदिवासी समाज की बेटियां हैं | अगर भारत के मंदिरों की दान पेटियों को गरीबों के लिए खोल दिया जाए तो भारत विश्व गुरु बन जाएगा | उन्होंने लोगों से प्रार्थना भी की जिनका कोई ना हो उनका सहारा तो बनकर देखो  | 
                                   विवाह समारोह में एमपी के मुख्यमंत्री डॉ  मोहन यादव ने राष्ट्रपति का अभिवादन करते हुए कहा कि सरकार की कन्यादान योजना के तहत यहां हो रहे विवाह समारोह के वर वधु को ५१ हजार रु भी दिए जाएंगे | उन्होंने धीरेन्द्र शास्त्री के इस प्रयास को सराहनीय बताते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से समाज में ऊंच नीच ,जातीय समस्या सहित ५० तरह की झंझटों से मुक्ति मिलेगी | 
                                 राज्यपाल मांगू भाई पटेल ने  कहा कि देवादिदेव महादेव की कृपा आज यहां आये सभी वर वधुओं को मिलेगी | धीरेन्द्र शास्त्री के इस कार्य को उन्होंने सराहनीय बताते हुए कहा इनको जो समा दिया जा रहा वह स्वावलंबी बनने की दिशा में महत्वपूर्ण  है || 
    २०१९ से शुरू हुआ 
                                  बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने २०१९ से निराश्रित कन्याओं के विवाह की शुरुआत की थी | अब तक  1100  विवाह यहाँ हो चुके हैं | 

    भगवान बालाजी के दर्शन कर प्राप्त किया आशीर्वाद

    महामहिम राष्ट्रपति ने गढ़ा के बागेश्वर धाम आगमन पर बालाजी मंंदिर पहुंचकर दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने देशवासियों के सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना कर यज्ञशाला में आहुति भी दी। इस मौके पर  प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं राष्ट्रपति की पुत्री इतिश्री मुर्मू भी उपस्थित रहीं।

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