More
    Homeप्रदेशयुवावस्था, व्यक्तित्व को संवारने का सही समय है _डॉ दुबे

    युवावस्था, व्यक्तित्व को संवारने का सही समय है _डॉ दुबे

     महावीर अग्रवाल
    मंदसौर १६ फरवरी ;अभी तक ;   प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 15 फरवरी 2025 को “प्रसन्नता का दर्शन” विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया। इस व्याख्यान में नवागत प्राचार्य डॉ जे एस दुबे सर ने मुख्य अतिथि के रूप में विद्यार्थियों को संबोधित किया ।
                                    इस आयोजन का संयोजन अंग्रेजी विभाग और व्यक्तित्व विकास विभाग ने किया था, जिसकी विभागाध्यक्ष एवं संयोजक डॉ वीणा सिंह हैं। इस आयोजन में प्रो सचिन शर्मा और प्रो दीप्ति शक्तावत सहयोगी साथी के रूप में शामिल हुए। संचालन दायित्व डॉ मिश्रा ने निभाया।
    इस व्याख्यान में 100 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिन्होंने आंतरिक और बाह्य व्यक्तित्व पर चर्चा की और अंतरिक प्रसन्नता के महत्व पर बल दिया। डॉ दुबे ने अपने व्याख्यान में कहा कि प्रसन्नता का दर्शन हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद कर सकता है।
    डॉ. दुबे ने विद्यार्थियों से बात करते हुए उन्हें बताया कि यदि विद्यार्थी कक्षा में उपस्थित नहीं होंगे तो वह बहुत सी चुनौतियों से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाएंगे| उदाहरण के लिए सर ने कहा कि यदि विद्यार्थी कक्षा में उपस्थित होंगे तो बहुत सारी प्रतियोगी परीक्षाओं में उन्हें मदद मिलेगी, साथ ही यदि वे शिक्षक बनना चाहते हैं तो उन्हें अपने शिक्षक को देखकर पढ़ाना भी आएगा, क्योंकि विद्यार्थी अपने शिक्षक की कही हर बात को सत्य मानते हैं और उनका अनुसरण करते हैं|
    सर दर्शनशास्त्र के प्राध्यापक भी हैं ,अतः उन्होंने दर्शनशास्त्र का मतलब भी विद्यार्थियों को बताया |दर्शनशास्त्र का मतलब “ज्ञान के प्रति प्रेम” ,अर्थात शास्त्रों एवं ज्ञान से प्रेम। जितना विद्यार्थी ज्ञान एवं शास्त्र से प्रेम करेंगे उतना ही उन्नति की और अग्रसर होंगे।
    इस आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रसन्नता के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करना था।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Must Read

    spot_imgspot_img