महावीर अग्रवाल
मंदसौर १३ मार्च ;अभी तक ; नगरपालिका परिषद मंदसौर के द्वारा तीन दिवसीय राष्ट्रीय एकता नाहर सैय्यद मेला का आयोजन हजरत नाहर सैय्यद दरगाह व मेला ग्राउंड पर किया जा रहा है। मेला के द्वितीय दिवस बुधवार की रात्रि को मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन रखा गया। रात्रि 10.30 बजे से देर रात्रि तक आयोजित इस मुशायरा/कवि सम्मेलन में देश एवं प्रदेश के ख्याति प्राप्त शायरों व कवियों ने मेला के सांस्कृतिक रंगमंच पर अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी जिसे सभी ने सराहा। डॉ. माजिद देवबंदी (देवबंद उत्तर प्रदेश), इस्माइल नजर (देवास), इमरान रफीत (मुम्बई), हामिद भुसावली (भुसावल महाराष्ट्र), सुहाना नाज (मुम्बई), नईम अख्तर (बुरहानपुर), राजेन्द्र आचार्य (भुवानीमण्डी), मोहन मुंतजिर (नैनीताल), नैना नसीब (कोटा राज.) ने मेला पंडाल में अपनी रचनाओं की प्रस्तुति से ऐसा समां बांधा कि मुशायरा सुनने के लिये आये श्रोतागण प्रभावित हुए बगैर नहीं रह सके।
डॉ. माजिद देवबंदी ने नवाज देवबंदी की पंक्तियां पड़ी कि ‘‘परिंदों में फिरका परस्ती नहीं होती, कभी मंदिर पर तो कभी मस्जिद पर जा बैठते है।’’ उन्होंने हिन्दू मुस्लिम भाईचारे पर भी कई पंक्तियों से समां बांध दिया। इस्माईल नजर ने मुशायरा का संचालन करते हुए कहा ‘‘जो बेकाबू हो तो काबू करने वाला भेज देता है, वतन पर खतरा हो तो टीपू सुल्तान भेज देता है, वो इतना दयालु है कि कागज के फूलों में भी खुशबु भेज देता है।’’ उन्होंने मक्का मदीना शहर की खासियत बताते वाले हुए कहा कि ‘‘ख्वाब में जब सफीना देखा, मैंने शहर मदीना देखा, गुलाब की खुशबू में भी मोहम्मद का पसीना देखा।’’
मुशायरा व कवि सम्मेलन के शुभारंभ के मौके पर नपा परिषद मंदसौर के द्वारा हजरत नाहर सैय्यद की दरगाह पर चादर पेश की गई और उसके बाद अतिथिगणों व शायरों का स्वागत सत्कार कार्यक्रम किया गया। मुशायरा व कवि सम्मेलन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छोटे मियांजी सरकार श्री वकीलउद्दीन सा., भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री अनिल कियावत, पूर्व जिला महामंत्री श्री अजयसिंह चौहान, भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष श्रीमती निर्मला गुप्ता, शा. महाविद्यालय जनभागीदारी समिति अध्यक्ष श्री नरेश चंदवानी, नपा नेता प्रतिपक्ष श्रीमती रफत पयामी, हज कमेटी के पूर्व डायरेक्टर अनवर एहमद मंसूरी एड., समाजसेवी श्री कन्हैयालाल सोनगरा, समाजसेवी श्री हाजी मुंशी खां, श्री नाहरू मंसूरी शामिल हुए। इस मौके पर नपाध्यक्ष श्रीमती रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, मेला समिति सभापति श्रीमती खेरून बी शहजाद पटेल, मेला समिति सदस्यगण श्रीमती बब्बन युसुफ गौरी,गोवर्धन कुमावत, श्रीमती मंजू अनिल मालवीय, श्रीमती कमरूनिशा आरिफ अंसारी एवं मेला अधिकारी पी.एस. धारवे, मेला लिपिक राजेन्द्र नीमा, आर्गेनाइजर गुलाम मोईनुद्दीन, पार्षद भावना जयप्रकाश पमनानी, निर्मला चंदवानी, नरेन्द्र बंधवार, राजेश गुर्जर, शकील शेहजाद पटेल, जिला वक्फ बोर्ड के सेक्रेटरी भूरे खां मेव, समाजसेवी अकिल भाई कुरैशी रायल बस, मो. खलील खान, शेर मोहम्मद खान आदि के द्वारा माला पहनाकर किया गया। संचालन शहजाद पटेल ने किया।
डॉ. माजिद देवबंदी ने नवाज देवबंदी की पंक्तियां पड़ी कि ‘‘परिंदों में फिरका परस्ती नहीं होती, कभी मंदिर पर तो कभी मस्जिद पर जा बैठते है।’’ उन्होंने हिन्दू मुस्लिम भाईचारे पर भी कई पंक्तियों से समां बांध दिया। इस्माईल नजर ने मुशायरा का संचालन करते हुए कहा ‘‘जो बेकाबू हो तो काबू करने वाला भेज देता है, वतन पर खतरा हो तो टीपू सुल्तान भेज देता है, वो इतना दयालु है कि कागज के फूलों में भी खुशबु भेज देता है।’’ उन्होंने मक्का मदीना शहर की खासियत बताते वाले हुए कहा कि ‘‘ख्वाब में जब सफीना देखा, मैंने शहर मदीना देखा, गुलाब की खुशबू में भी मोहम्मद का पसीना देखा।’’
मुशायरा व कवि सम्मेलन के शुभारंभ के मौके पर नपा परिषद मंदसौर के द्वारा हजरत नाहर सैय्यद की दरगाह पर चादर पेश की गई और उसके बाद अतिथिगणों व शायरों का स्वागत सत्कार कार्यक्रम किया गया। मुशायरा व कवि सम्मेलन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छोटे मियांजी सरकार श्री वकीलउद्दीन सा., भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री अनिल कियावत, पूर्व जिला महामंत्री श्री अजयसिंह चौहान, भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष श्रीमती निर्मला गुप्ता, शा. महाविद्यालय जनभागीदारी समिति अध्यक्ष श्री नरेश चंदवानी, नपा नेता प्रतिपक्ष श्रीमती रफत पयामी, हज कमेटी के पूर्व डायरेक्टर अनवर एहमद मंसूरी एड., समाजसेवी श्री कन्हैयालाल सोनगरा, समाजसेवी श्री हाजी मुंशी खां, श्री नाहरू मंसूरी शामिल हुए। इस मौके पर नपाध्यक्ष श्रीमती रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, मेला समिति सभापति श्रीमती खेरून बी शहजाद पटेल, मेला समिति सदस्यगण श्रीमती बब्बन युसुफ गौरी,गोवर्धन कुमावत, श्रीमती मंजू अनिल मालवीय, श्रीमती कमरूनिशा आरिफ अंसारी एवं मेला अधिकारी पी.एस. धारवे, मेला लिपिक राजेन्द्र नीमा, आर्गेनाइजर गुलाम मोईनुद्दीन, पार्षद भावना जयप्रकाश पमनानी, निर्मला चंदवानी, नरेन्द्र बंधवार, राजेश गुर्जर, शकील शेहजाद पटेल, जिला वक्फ बोर्ड के सेक्रेटरी भूरे खां मेव, समाजसेवी अकिल भाई कुरैशी रायल बस, मो. खलील खान, शेर मोहम्मद खान आदि के द्वारा माला पहनाकर किया गया। संचालन शहजाद पटेल ने किया।