More
    Homeप्रदेशवर्ष में तीन फसलों की खेती कर सकेंगे लामटा में 56 गाँवों...

    वर्ष में तीन फसलों की खेती कर सकेंगे लामटा में 56 गाँवों के किसान, जल्द ही पूर्णता की ओर बालाघाट की पहली लिफ्ट एरिगेशन परियोजना

    आनद ताम्रकार
    बालाघाट 15 फरवरी ;अभी तक ;  बालाघाट जिले की पहली लिफ्ट एरिगेशन परियोजना जल्द ही अस्तित्व में आने वाली है। यह परियोजना प्रदेश में स्टॉप डेम पर बनने वाली अनोखी योजना होगी। अब तक प्रदेश में अधिकांश लिफ्ट सिंचाई परियोजनाएं बहती नही पर निर्मित हुई है। जबकि वैनगंगा नदी पर बने 100 वर्ष पुराने ढुटी डेम पर यह योजना लगभग 90 प्रतिशत पूरी हो चुकी है। जलसंसाधन कार्यपालन यंत्री श्री उदेसिंह परस्ते ने बताया कि परियोजना में दक्षिण छोर( साउथ कमांड) का कार्य 31 मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। जबकि उत्तर छोर का कार्य 16 जनवरी 2026 में पूरा किया जाएगा। इस योजना में बन रहें दो पम्प हॉउस में एक 85 प्रतिशत व दूसरे का 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इसमें पाइप लाइन खेतों तक पहुँचा दी गई है। इसमें 56 गांवो के 12205 किसानों को 9636 हेक्टेयर रकबे को सिंचित करने वाली है। परियोजना के प्रोजेक्ट इंजीनियर श्री अभिषेक ने बताया कि इस परियोजना में इजराइल की तकनीक स्काडा के द्वारा निगरानी की जाएगी। साथ ही किसानों के खेतों में 4.5 लीटर प्रति सेकेण्ड पानी खेतों में पहुँचाया जाएगा। इससे रबी, खरीफ और जायद तीनों सीजन में पानी उपलब्ध रहेगा।
    वैनगंगा का पानी खेतों में पहुँचाने के लिए दो पम्प हॉउस से लिफ्ट होकर पाइप के सहारे खेतों तक आएगा जल
                                    100 वर्ष पहले बनें ढुटी स्टॉप डेम को अधिक उपयोगी बनाने के लिए मप्र शासन द्वारा पानी को लिफ्ट कर किसान के खेतों में सिंचाई के लिए उपयोग किया जाएगा। परियोजना में स्टॉप डेम से ऊपर बाई तट पर दो पम्प हॉउस निर्माणाधीन है। पानी के बिल्कुल पास से इनलेट के द्वारा पानी पम्प हॉउस तक काम करेगा। यहाँ से पानी मोटर पम्प के द्वारा लिफ्ट होगा, जो बड़े पाइप के माध्यम से एक निर्धारित तकनीक से पानी खेतो तक पहुँचाया जाएगा।
    हर 30-30 है.में लगाये गए ओएमएस बॉक्स
                                इस परियोजना में स्काडा सिस्टम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसी सिस्टम के द्वारा किसान को पानी की जरूरत व परियोजना की गुणवत्ता सहित टूटफूट/रखरखाव की निगरानी की जाएगी। किसानों के खेतों के एक निश्चित क्षेत्र में एक-एक आउटलेट बॉक्स होगा। वही 30-30 हैक्टेयर क्षेत्र में ओएमएस बॉक्स लगाया जाएगा। इसी बॉक्स से माध्यम से किसान अपने खेत में पानी की आवश्यकता के लिए बटन दबा सकेगा। इसके बाद पानी किसान को प्राप्त हो जाएगा।
    फैक्ट फाइल
                                       137.26 करोड़ की लागत से यह योजना बन रही है। 417 किमी.के पाईप नेटवर्क में 349 किमी.पाईप बिछा दिए गए है। कुल 342 ओएमएस बॉक्स लगाए जाएंगे। दक्षिण में 178 व उत्तर पम्प की ओर 164 बॉक्स लग रहे है। 56 गाँव के 12205 किसान लाभान्वित होंगे।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Must Read

    spot_imgspot_img