महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १३ ;मार्च अभी तक ; श्री प्रेमप्रकाश आश्रम मंदसौर स्थित भगवान श्री लक्ष्मीनारायण एवं सतगुरू स्वामी टेऊँरामजी महाराज मंदिर में हर्षाेल्लास के साथ फागोत्सव सन्त श्री शंभुलालजी प्रेमप्रकाशी के पावन सानिध्य में सत्संग, प्रवचनों एवं गुलाब के फूलों की पंखुड़ियों व चंदन तिलक के साथ 12 मार्च बुधवार को बड़ी संख्या में पधारी संगत के साथ मनाया गया।
इस आशय की जानकारी देते हुए श्री प्रेम प्रकाश सेवा मण्डली के अध्यक्ष पुरूषोत्तम शिवानी ने बताया कि कि संत शंभुलाल ने अपने मुखारविन्द से भजनों के माध्यम से होली के त्यौहार कि महिमा को प्रतीपादित किया। व इस अवसर पर भजन
संतो के संग होरी खेलों,पीवो प्रेम प्याला रे
मेरी किस्मत का सितारा, आपके हाथों में है,
क्यूं करूं चिन्ता,फिक्र मैं जिन्दगी के खेल की
कौन जीता कौन हारा ,आपके हाथों में।
प्रस्तुत किया। आप श्री ने कहा कि मनुष्य में कोई स्वयं की शक्ति नहीं है, इसलिए अपने आप को परमात्मा व सद्गुरु के चरणों में अर्पित कर देना चाहिए, न जीत न हार आपके हाथों में है यहां तक की स्वयं का देवभूत शरीर भी हमारे हाथों में नहीं हैं। हमें तो अपने जीवन को समर्पित कर प्रभु व सद्गुरु कि खुशियां हासिल करना चाहिए।
इस पावन अवसर पर पलक बाबानी, पाखी व पार्थ बाबानी सहित नन्हे मुन्ने बच्चों ने राधा कृष्ण का सुन्दर व मनमोहक धारण कर नृत्य प्रस्तुत किया।
गुलाब की सुगन्धित पंखुड़ियों के साथ भजनों की मधुर धुनों पर उपस्थित संगत थिरकते हुए नृत्य कर ‘‘होली के रंग प्यारे गुरूदेव के संग मनाकर फाग महोत्सव का यह महापर्व संत श्री ने पल्लव पाकर समाप्त किया।
आभार प्रदर्शन महिला मण्डली की सपना-डॉ. सुरेश पमनानी एवं डिम्पल ब्रिजवानी ने माना। अंत में सिन्धी समाज ने होली का प्रसाद ग्रहण कर उपस्थित संगत एक दूसरे को बधाई देकर हर्षोल्लास के साथ फाग महोत्सव सम्पन्न हुआ।
इस आशय की जानकारी देते हुए श्री प्रेम प्रकाश सेवा मण्डली के अध्यक्ष पुरूषोत्तम शिवानी ने बताया कि कि संत शंभुलाल ने अपने मुखारविन्द से भजनों के माध्यम से होली के त्यौहार कि महिमा को प्रतीपादित किया। व इस अवसर पर भजन
संतो के संग होरी खेलों,पीवो प्रेम प्याला रे
मेरी किस्मत का सितारा, आपके हाथों में है,
क्यूं करूं चिन्ता,फिक्र मैं जिन्दगी के खेल की
कौन जीता कौन हारा ,आपके हाथों में।
प्रस्तुत किया। आप श्री ने कहा कि मनुष्य में कोई स्वयं की शक्ति नहीं है, इसलिए अपने आप को परमात्मा व सद्गुरु के चरणों में अर्पित कर देना चाहिए, न जीत न हार आपके हाथों में है यहां तक की स्वयं का देवभूत शरीर भी हमारे हाथों में नहीं हैं। हमें तो अपने जीवन को समर्पित कर प्रभु व सद्गुरु कि खुशियां हासिल करना चाहिए।
इस पावन अवसर पर पलक बाबानी, पाखी व पार्थ बाबानी सहित नन्हे मुन्ने बच्चों ने राधा कृष्ण का सुन्दर व मनमोहक धारण कर नृत्य प्रस्तुत किया।
गुलाब की सुगन्धित पंखुड़ियों के साथ भजनों की मधुर धुनों पर उपस्थित संगत थिरकते हुए नृत्य कर ‘‘होली के रंग प्यारे गुरूदेव के संग मनाकर फाग महोत्सव का यह महापर्व संत श्री ने पल्लव पाकर समाप्त किया।
आभार प्रदर्शन महिला मण्डली की सपना-डॉ. सुरेश पमनानी एवं डिम्पल ब्रिजवानी ने माना। अंत में सिन्धी समाज ने होली का प्रसाद ग्रहण कर उपस्थित संगत एक दूसरे को बधाई देकर हर्षोल्लास के साथ फाग महोत्सव सम्पन्न हुआ।