More
    Homeप्रदेशसरसों की रुक्मणी किस्म में कम से कम बीमारियां लगती है, कृषि...

    सरसों की रुक्मणी किस्म में कम से कम बीमारियां लगती है, कृषि विज्ञान केन्द्र ने कृषकों को दी सरसों की किस्म के संबंध में जानकारी

    महावीर अग्रवाल 

    मन्दसौर १३ फरवरी ;अभी तक ;   कृषि विज्ञान केंद्र मंदसौर के द्वारा प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन गांव कुड़ी में क्लस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन तिलहन के अंतर्गत किया गया। इस अवसर पर सरसों की किस्म डीआरएमआर 1165-40  (रुक्मणी)  की उत्पादन क्षमता एवं विशेषताओं के बारे में उपस्थित कृषक भाइयों और बहनों को विस्तार पूर्वक बताया गया । कृषक भाइयों के द्वारा बताया गया कि यह किस्म उनके क्षेत्र के लिए अति उपयुक्त हैं और वर्तमान में प्रचलित किस्म से ज्यादा उत्पादन देने की पूरी-पूरी संभावना है।

    इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर एचपी सिंह, उद्यानिकी महाविद्यालय, मंदसौर ने संदेश दिया कि सभी किसान भाइयों को तकनीकी पूर्ण कृषि करने की आवश्यकता है और इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विभाग एवं उद्यानिकी विभाग से सतत संपर्क में रहे। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ.जी. एस. चुंडावत ने बताया कि सरसों की यह रुक्मणी किस्म में कम से कम बीमारियां लगती है तथा फलियां की संख्या ज्यादा होने की वजह से इनका उत्पादन अधिक होता है। डॉ राजेश गुप्ता कहा कि सभी फसलों की उत्पादन एवं प्रसंस्करण में उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग करें ताकि खेती में लागत को कम किया जा सकता है।

    कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री गुलाब सिंह चौहान ने कृषकों को और अधिक से अधिक उन्नत तकनीकी को अपनाकर कृषि के क्षेत्र में आर्थिक मजबूती लाने के लिए प्रेरित किया। श्री संतोष पटेल वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी ने मंच का संचालन एवं उपस्थित कृषक भाइयों को का धन्यवाद ज्ञापित किया।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Must Read

    spot_imgspot_img