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    सहायक प्राध्यापक के साथ मारपीट का मामला पकड़ा जोर, गुस्से में प्रोफेसर, एस पी को सौंपा ज्ञापन

    इस पी वर्मा
    सिंगरौली २२ मार्च ;अभी तक ;  –
        जिला मुख्यालय बैढ़न के प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस में बीते दिन शुक्रवार की शाम एक सहायक प्राध्यापक के साथ एक छात्र संगठन के सदस्यों ने मारपीट का मामला  आज तूल पकड़ लिया है। महाविद्यालय के प्राचार्य की ढुलमुल रवैया एवं अभाविप  छात्र संगठन के गुंडागर्दी से त्रस्त प्राध्यापको ने आज पठन-पाठन ठप कर काली पट्टी बांधते हुए विरोध प्रदर्शन करते हुए पैदल मार्च कर एसपी दफ्तर पहुंचे। बताया जा रहा है कि सीएसपी ने उनको उनके बातों को सुना, लेकिन मामला सुलझा नही पाए है। वही आरोप है कि पुलिस  सहायक प्राध्यापको पर मामले में समझौता कराने के लिए दबाव बना रही है।
                                            दरअसल हुआ यू था की प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस बैढ़न में बीते दिन कल शाम करीब 5:30 बजे सहायक प्राध्यापक नितेश कुमार सिंह के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी अरुणेंद्र पाण्डेय एवं निखिल वर्मा प्राचार्य के कक्ष में मारपीट करने लगे बस आरोप इतना था कि सहायक प्राध्यापक ने एक छात्र को ड्रेस कोड न होने पर बाहर कर दिया था। इसी से उक्त छात्र संगठन के पदाधिकारी नाराज होकर प्राचार्य के कक्ष में जाकर मारपीट किए हैं। इस तरह का आरोप महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक नितेश कुमार सिंह ने एसपी के यहां दिए गए आवेदन पत्र में आरोप लगाया है।  उक्त घटना के बाद कोतवाली बैढ़न में लिखित रिपोर्ट दी गई। वही इस घटना से सहायक प्राध्यापक डरे सहमे नजर आए और आज उक्त महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं उक्त स्टाफ पठन-पाठन के कामकाज को छोड़कर हाथ में काली पट्टी बांध परिसर में एकत्रित होते हुए कॉलेज प्रबंधन एवं प्राचार्य के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। दोपहर के वक्त एसपी दफ्तर से प्राध्यापकों को बुलावा आया । जहां महाविद्यालय के प्राध्यापक पैदल मार्च एवं नारेबाजी करते हुए एसपी दफ्तर पहुंचे। इस दौरान सीएसपी ने उनकी बातों को सुना, लेकिन किसी ठोस नतीजे पर नही पहुंचे। लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि पुलिस समझौता करने के पक्ष में है। शायद इसीलिए घटना के 24 घंटे बाद भी मारपीट करने वाले छात्र संगठन के पदाधिकारी पर अपराध पंजीबद्ध नही किया जा सका है। उधर अखिल विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक निखिल वर्मा ने एसपी के यहा आवेदन पत्र देते हुए आरोप लगाया है कि उक्त महाविद्यालय में अनुशासनहीनता की गतिविधियां हो रही है। बीते दिन कल 21 मार्च महाविद्यालय परिषर में एक विद्यार्थी को ड्रेस कोड में न होने के कारण अनुशासन समिति के सदस्य प्रो.नितेश सिंह ने परिषद से बाहर कर दिया था। इसका विरोध करने पर गाली-गलौंज करते हुए जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया है। बहरहाल जिला मुख्यालय बैढ़न स्थित उक्त महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के साथ की गई मारपीट का मामला जोर पकड़ लिया है। महाविद्यालय के प्राचार्य के अलावा अधिकांश प्राध्यापक आर-पार करने के मूड़ में है। वही  प्राचार्य के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है।
    आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे प्राध्यापक
    महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक नितेश सिंह सहित अन्य कई प्राध्यापकों ने कहा कि महाविद्यालय में मारपीट की घटना पहली बार नही है। इसके पूर्व भी दो-तीन बार ऐसी घटनाएं घटित हो चुकी हैं। आरोप है कि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एम यू सिद्धीकी हमेशा मामले को दबाने में लगे रहते थे। बीते दिन कल शुक्रवार को उन्ही के चेंबर में उन्ही के समक्ष छात्र संगठन के पदाधिकारियों ने मारपीट की और वह मामले को रफा-दफा करने के लिए दबाव दे रहे थे। प्राध्यापकों ने यहां तक आरोप लगाया है कि प्राचार्य कई वर्षों से इसी महाविद्यालय में पदस्थ रहे। बीच में कुछ महीनों के लिए स्थानांतरण हुआ था। बैढ़न से उनका मोहभंग नही हो रहा है। इसलिए महाविद्यालय गुटबाजी चरम पर है और इसके पूरे घटना क्रम के किरदार प्राचार्य हैं। आगे कहां की यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक न्याय नही मिल जाता हैं।
    प्राध्यापकों ने सौंपा ज्ञापन
    महाविद्यालय में मारपीट की घटना को लेकर मामला काफी गरमाया हुआ है। सहायक प्राध्यापक के पक्ष में सड़क पर उतरे अन्य प्राध्यापको ने मारपीट करने वाले आरोपियों के विरुद्ध शासकीय कार्य में बांधा डालने समेत अन्य धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किए जाने की मांग को लेकर एसपी दफ्तर पहुंचे। जहां एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए प्राध्यापको ने कहा कि उक्त छात्र संगठन के कुछ सदस्य एससी-एसटी एक्ट लगवाने एवं जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं। यह अभी आरोप लग रहा है कि जिस वक्त भारी संख्या में छात्र संगठन के  लोग पहुंचे थे। ऐसे में प्राचार्य ने सहायक प्राध्यापक को चेंबर में क्यों बुलाया। एसपी ने कहा कि इस संबंध में एसडीएम के माध्यम से प्राचार्य को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जाएगा।
    आखिरकार पुलिस क्यों कराना चाहती है समझौता!
    महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने बताया कि बैढ़न के पुलिस अधिकारी मामले को समझौता करने में लगे हैं। पुलिस सेवकों ने समझौता करने में इतनी रूचि क्यों ली जा रही है। यह बात समझ से परे है प्राध्यापकों ने यहा तक कहां की उक्त संगठन के बारे में सब जानते हैं शायद इसीलिए अभी तक आरोपियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध नही किया गया। शायद सत्ताधारी नेताओं का दबाव होगा और नौकरी सबको प्यारी है। जिला एवं थाना बड़े मुश्किल से मिल रहा है। यह बात अब किसी से छुपी नही है संभवत: इसीलिए पुलिस भी इतना रुचि नही ले रही है। सहायक प्राध्यापक के साथ मारपीट हुई और बेइज्जती कर डराया-धमकाया गया। इससे पुलिस का कोई लेना-देना नजर नही आ रहा है। अपनी कुर्सी सलामत रहे इसके लिए पुलिस कबायत  कर रही है।

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