महावीर अग्रवाल
मंदसौर , (गरोठ ) २१ मार्च ;अभी तक ; अपर सत्र न्यायाधीश गरोठ द्वारा हत्या के आरोपितगण 1) बालाराम पिता धन्ना सूर्यवंशी जाति मेघवाल उम्र 48 साल, 2) विष्णु उर्फ श्याम पिता बालाराम सूर्यवंशी जाति मेघवाल उम्र 19 साल, 3) सुगना बाई पति बालाराम सूर्यवंशी जाति मेघवाल उम्र 45 साल, 4) संध्या उर्फ संजा पति विष्णु उर्फ श्याम सूर्यवंशी जाति मेघवाल उम्र 20 साल सभी निवासी नारियाखुर्द थाना शामगढ जिला मंदसौर को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा द्वारा घटना के संबंध में बताया की दिनांक 21.10.2021 को थाना शामगढ पर सूचना प्राप्त होने पर उपनिरीक्षक एचबी दीक्षित गॉव नारियाखुर्द गये जहॉ फरियादी गोविंद ने बताया कि वह सुबह 09ः00 बजे अपने कुए से घर आ रहा था। तभी रास्ते में उसके बडे पापा आरोपित बालाराम अपने घर के आगे मिले और उन्होंने उसे बोला कि तेरी माता/मृतिका मेरे लडके विष्णु की पत्नी संध्या को परेशान करती है और उसके भाव आते है। उसने उसकी माता/मृतिका को घर जाकर सब बताया। तो उसकी माता/मृतिका बात सुनकर उसके बडे पापा आरोपित बालाराम के घर के पास गई तो बालाराम की पत्नी/आरोपित सुगनाबाई अपने घर से निकल कर आई तथा उसकी माता/मृतिका को पकड लिया तथा उसकी लडकी व बहु/आरोपित संध्या भी वहॉ आ गई व एक मत होकर उन्होंने भी उसकी माता/मृतिका को पकड लिया। वह उसकी माता/मृतिका को बचाने गया तो आरोपित बालाराम ने उसे पकड लिया। इतने में बालाराम का लडका/आरोपित विष्णु अपने घर से तलवार निकाल कर लाया और उसकी माता/मृतिका की गर्दन में पीछे से तलवार की मारी, जिससे उसकी माता/मृतिका की गर्दन से खून निकलने लगा, तो बालाराम ने उसे छोड कर विष्णु के हाथ से तलवार छिनकर, उसकी माता/मृतिका की गर्दन में तलवार से लगातार तीन-चार वार किये तथा आरोपित बालाराम तथा विष्णु ने उसकी माता/मृतिका को घसीट कर पा झाडियों में डाल दिया तथा आरोपित सुगनाबाई, संध्या तथा लडकी ने मिलकर जहॉ उसकी माता/मृतिका को तलवार से मारा था, वहॉ खून था, उस स्थान को पानी से धो दिया था। उसके चिल्लाने व आस-पास के लोग आये तो आरोपित बालाराम व उसके परिवार के सभी लोग वहॉ से भाग गये। मौके पर एचबी दीक्षित द्वारा कार्यवाही कर अपराध पंजीबद्ध किया तथा संपूर्ण अनुसंधान उपरांत आरक्षी केंद्र शामगढ द्वारा अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण में न्यायालय के समक्ष 19 साक्षियों के कथन करवाये गये। विशेष लोक अभियोजक रमेश गामड द्वारा रखे गये तथ्यो तथा न्यायालय में आई साक्ष्य के आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपितगण बालाराम, विष्णु, सुगनाबाई व संध्या को धारा 302 भादंवि में आजीवन कारावास एवं 2000-2000 रूपये, धारा 201 भादंवि में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000-1000 तथा आरोपित विष्णु को आर्म्स एक्ट में भी 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 500 रूप्ये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
प्रकरण में अभियोजन संचालन विशेष लोक अभियोजक श्री रमेश गामड द्वारा किया गया।