मोहम्मद सईद
शहडोल 12 मार्च अभीतक। होली भले ही 14 मार्च को है। लेकिन होली का रंग अभी से नजर आने लगा है। बाजार में जहां तरह-तरह के रंग मौजूद है वहीं हर्बल गुलाल भी लोगों के लिए बाजार में आ गया है।

सरस्वती आजीविका स्वसहायता समूह मुदरिया की अध्यक्ष राधा सिंह द्वारा पलाष, गुलाब, गुड़हल एवं पालक से हर्बल गुलाल बनाया गया है। इस हर्बल गुलाल से त्वचा में कोई नुकसान नहीं होगा एवं पर्यावरण की सुरक्षा में भी कारगर होगा। हर्बल गुलाल बनाने का आइडिया समूह की अध्यक्ष राधा सिंह को ग्राम नोडल द्वारा प्रेरित करने से प्राप्त हुआ।
समूह की अध्यक्ष राधा सिंह ने बताया कि इस गुलाल की खास बात है कि गुलाल में किसी भी तरह के रसायन का उपयोग नही किया गया है। गुलाल पूरी तरह से प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल है।
राधा सिंह का कहना है, कि गुलाल बनाना बहुत आसान है। कम लागत में इसे बनाया जा सकता है, ये पूरी तरह से केमिकल से फ्री है और त्वचा के लिये लाभकारी है।
ग्राम नोडल ऋचा बिरथरे का कहना है, कि उन्होंने सोशल मीडिया पर हर्बल गुलाल बनाने की विधि देखकर समूह के सदस्यों को अवगत कराया।
जिला प्रबंधक लघु उद्यमिता महेन्द्र बारस्कर का कहना है कि हर्बल गुलाल लोगों को बहुत पसंद आ रहा है। आने वाले वर्ष में ये गुलाल बहुतायत में बनाया जायेगा।
जिला परियोजना प्रबंधक उमरिया चंद्रभान सिंह ने बताया कि आगामी वर्षो में स्थानीय हॉट बाजार एवं आजीविका मार्ट के माध्यम से इसकी बिक्री करायी जायेगी। उनका कहना है कि इससे एक ओर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर स्व सहायता समूहों को अतिरिक्त आय का स्त्रोत बढ़ेगा।