महावीर अग्रवाल
मंदसौर २५ फरवरी ;अभी तक ; प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईष्वरीय विष्वविघालय के गरोठ सेवाकेन्द्र पर षिवरात्री महोत्सव उत्साह के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का षुभारंभ वरिष्ठ चिकित्सक डॉ मनोज उपाध्याय और डॉ नारायणसिंह सिसोदिया के आतिथ्य में मनाया गया। इस दौरान राजयोगिनी बीके ष्यामा, बीके कृष्णा, बीके गंगा, बीके सरिता, बीके हेमा, बीके ष्षीतल और बीके प्रिति बहन उपस्थित थी।
इस अवसर पर वक्ताओं ने विश्व कल्याण के लिए शिव के गुणों को अपनाने पर जोर दिया।
ब्रह्माकुमारी बहनो ने महाशिवरात्रि के पर्व के आध्यात्मिक रहस्य पर प्रकाश डालते हुए महिला दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि जब शिव परमपिता परमात्मा इस धरा पर अवतरित होते हैं तो अपने ज्ञान और योग की शक्ति से नारी को शिव शक्ति बना देते हैं। आपने महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व बताते हुए कहा कि परमपिता परमात्मा शिव तब आते हैं जब अज्ञान अंधकार की रात्रि प्रबल हो जाती है। परम-आत्मा का ही नाम है शिव, जिसका संस्कृत अर्थ है सदा कल्याणकारी, अर्थात वो जो सभी का कल्याण करता है। शिवरात्रि व शिवजयन्ती भारत में द्वापर युग से मनाई जाती है। यह दिन हम ईश्वर के इस धरा पर अवतरण के समय की याद में मनाते हैं। शिव के अलावा ओर किसी को भी हम परम-आत्मा नहीं कहते। ब्रह्मा, विष्णु, शंकर को देवता कहते है। बाकि सभी है मनुष्य। तो हम उसी निराकार परमपिता के अवतरण का यादगार दिवस मनाते है।
प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रजवल्लन कर और षिव ध्वज फहराकर समारोह का षुभारंभ किया। इस मौके पर शहर में शोभायात्रा भी निकाली गई
1 attachment


