आशुतोष पुरोहित
खरगोन 1४ जुलाई:;अभी तक ; मध्य प्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय पर बीस दिन पूर्व आंगनवाड़ी से लौटने के दौरान श्वान के काटे जाने की शिकार 4 वर्षीय बच्ची की मृत्यु हो गयी। 23 जून को करीब एक दर्जन बच्चों समेत 23 लोगों को कुत्तों के झुंड ने काटा था। बालिका की मौत के बाद लोगो में आक्रोश है।
खरगोन के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस सिसोदिया ने बताया कि 4 वर्षीय आलिया मंसूरी की कल इंदौर रेफर किए जाने के दौरान मृत्यु हो गई। उसे कल रात तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ के चलते जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यह बच्ची 23 जून को श्वान के शिकार हुए 23 लोगों में शामिल थी। उन्होंने बताया कि घटना के चलते प्रभावित अन्य लोगों का प्रोटोकॉल के हिसाब से डोजेस दिए जा रहे हैं। फिर भी एहतियात के तौर पर भी बुलाकर उनका फिर से परीक्षण करवाया जा रहा है।
खरगोन की नगर पालिका परिषद की सीएमओ कमला कौल ने बताया कि 23 जून की घटना के बाद कुत्ते पकड़ने का अभियान आरंभ किया गया था और डॉग सेंटर में करीब 50 कुत्तों को रख कर उनको भोजन दिया जा रहा है। लेकिन अनुबंध नहीं हो पाने के चलते वैक्सीनेशन और स्टेरलाइजेशन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व से अनुबंधित ठेकेदार के काम नहीं करने पर उसका ठेका निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कुत्ते पकड़ने से लेकर उन्हें डॉक्टर से वैक्सीनेट और स्टरलाइज करवाने के बाद इस लोकेशन पर छोड़ने का टेंडर फिर से कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिसका ठेका होगा उस ठेकेदार की नगर पालिका परिषद के सहयोग से पूरी जिम्मेदारी होती है।
उन्होंने बताया कि डॉग केंद्र में जगह नहीं होने और एनजीओ के लगातार विरोध करने के चलते फिलहाल कुत्ता पकड़ने की प्रक्रिया बंद कर दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नोटिफिकेशन के मुताबिक इस प्रक्रिया से कुत्तों की जनसंख्या पर नियंत्रण होता है ,लेकिन उनकी मूल प्रवृत्तियां समाप्त नहीं होती। उन्होंने बताया कि खरगोन नगर पालिका परिषद के 33 वार्डों में कुत्तों की भरमार है लेकिन जिस क्षेत्र में घटना हुई वहां पर नॉनवेज खाने वाले व्यक्तियों की संख्या बहुतायत में है।
मृतक आलिया मंसूरी के पिता ऑटो चालक मोहम्मद एजाज ने बताया कि वह उस दिन आंगनबाड़ी से लौट रही थी ,इसी दौरान कुत्तों के झुंड ने उसे पर हमला बोलकर उसे गिरा दिया और मुंह पर कई जगह नोच लिया था। कुत्तों ने अन्य बच्चों पर भी हमला किया था। उसने आरोप लगाया कि आज भी मोहल्ले में 20 से 30 कुत्तों के झुंड घूम रहे हैं।
वार्ड क्रमांक 24 के पार्षद वारिस चौबे ने बताया कि आलिया को एंटी रेबीज वैक्सीनेशन के सभी डोज लग चुके थे लेकिन इसके बावजूद उसकी मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि वे लगातार नगर पालिका परिषद को मौखिक और लिखित रूप से कुत्तों के बारे में सूचित कर रहे हैं, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही। उन्होंने बताया कि जिस कुत्ते ने आलिया को काटा वह जिले खरगोन जिला मुख्यालय के सनजय नगर समेत चार हिस्सों में करीब 2 घंटे तक दौड़ते रहा और लोगों को काटते रहा। उन्होंने स्वास्थ्य प्रभारी जितेंद्र मेढ़ा को फोन भी लगाया लेकिन उसे समय रहते पकड़ा नहीं जा सका।
उधर खरगोन की कलेक्टर भव्या मित्तल ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और अब जिला प्रशासन लॉन्ग टर्म योजना बना रहा है। उन्होंने बताया कि इसके तहत अधिक क्षमता के डॉग सेंटर भी बनाए जाएंगे।


