( महावीर अग्रवाल )
मंदसौर ८ फरवरी ;अभी तक ; दिल्ली विधानसभा के चुनाव परिणाम की आज हुई घोषणा में बीजेपी 27 वर्षों बाद सत्ता में लौटी है। 70 सीटों की विधानसभा में बीजेपी ने 48 सीटों पर कब्जा किया है जबकि आम आदमी पार्टी मात्र 22 सीटों पर सिमट कर रह गई है।इस चुनाव में आप, कांग्रेस और बीजेपी ने मुफ्त की कई योजनाओं की घोषणाएं की दिया और मतदाताओं को पसंद आई बीजेपी की घोषणाएं।देश की राजनीति में यह गहन मंथन का विषय है कि देश की कांग्रेस जैसी पुरानी राजनीतिक पार्टी का एक भी उम्मीदवार इस चुनाव में जीत नहीं पाया। कांग्रेस का चिंतन क्या सामने आता हे सबकी निगाहे उस और रहती हे तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।
दिल्ली में अन्ना हजारे के आंदोलन के प्रमुख रहे उनमें से एक श्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी बनाकर दिल्ली की राजनीति में कदम रखा। उन्होंने कई प्रकार के आदर्शों पर चलने की घोषणा की ।उनकी घोषणा से लोग खुश थे। ये आदर्श बने रहते तो शायद देश की राजनीति में एक चमत्कार का उदय होता पर काश ऐसा होता । दिल्ली विधानसभा के चुनाव में मुफ्त बिजली,पानी की घोषणा से आप ने राज किया। पिछले चुनाव में 70 में से 62 सीटे जीत कर एक रेकॉर्ड कायम किया। चुनाव में भी केजरीवाल को किसी आरोप प्रत्यारोप का सामना नहीं करना पड़ा।
इस वर्ष 2025 में दिल्ली विधानसभा के हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार सहित अनेक आरोपों से घिरे रहे।उनकी आदर्श राजनीति को लोग चिराग लेकर ढूंढते रहने की कहने लगे।उनके मुफ्त बिजली, पानी के अलावा केजरीवाल का कहना था कि उन्होंने अंतरास्ट्रीय स्तर के स्कूल व मोहल्ला क्लिनिक के विकास के कामों को भी किया हे लेकिन दिल्ली की जनता ने इन सब को नकार दिया ।
चुनाव जीतने के बाद बीजेपी के नेताओं का कहना हे कि दिल्ली की जनता ने दिल्ली के शीश महल को ढहा दिया,झूठ के शासन का अंत हुआ। यमुना गंदी,सड़के टूटी,वायु प्रदूषण हर गली मोहल्ले में शराब की दुकान, भ्रष्टाचार जैसे कई आरोपों का सामना करना पड़ा और नतीजतन दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। यहां तक कि आप पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने एक टीवी चैनल पर कहा कि द्रोपदी का चीर हरण हुआ था अब न्याय की उम्मीद हुई हे।
अरविंद केजरीवाल को पिछले चुनाव में मिले झोली भर बहुमत के साथ आदर्श कायम रहते तो देश की राजनीति में कौनसा नया सूर्योदय होता यह वक्त बताता हालांकि बिजली और पानी मुफ्त कि याेजना से कोई दिल्ली सरकार कंगाल तो नहीं हो गई लेकिन अन्य राजनीतिक दलों को और इसे लेकर उनकी नीति को जरूर हिला कर रख दिया हे। अब यह तो स्पष्ट हो गया हे कि अब तक चुनाव नेताओं की झोली भरने तक सीमित न रहे अब उन्हें हर चुनाव में जनता के लिए भी मुफ्त की योजनाओं की घोषणाए करना पड़ रही हे।
27 वर्षों बाद दिल्ली की सत्ता तक पहुंची बीजेपी के नेताओं का कहना हे कि वे दिल्ली को एक आदर्श राजधानी बनाएंगे।यमुना का प्रदूषण दूर करने आदि कई प्रकार की बातें भी कही हे लेकिन होता क्या हे यह समय पर पता चलेगा।लेकिन बिजली,पानी मुफ्त की योजना का क्या होगा। इस और दिल्ली की जनता की निगाहे रहती हे तो क्या गलत हे।