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    परमात्मा तक पहुंचने के माध्यम सदगुरू ही हैं – आचार्य श्री रामानुजजी

    महावीर अग्रवाल
    मंदसौर ११ जुलाई ;अभी तक ;   भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन के सारथी बनकर गीता का जो उपदेश दिया उससे वे जगतगुरु कहलाए। तभी से कहा जाता है “श्री कृष्णम वंदे जगतगुरुम”।
    यह उद्गार आचार्य श्री रामानुजजी  ने रुद्राक्ष माहेश्वरी धर्मशाला परिसर में आयोजित गुरु पूर्णिमा महोत्सव में व्यक्त किए। आपने कहा कि परमात्मा तक पहुंचाने के लिए गुरु ही मध्य होते हैं जो व्यक्ति अपने गुरु के प्रति अपनी श्रद्धा और निष्ठा से कभी नहीं डिगते उन्हें जीवन में सदा सफलता मिलती है। गुरु अनंत है आसमान है और यह पृथ्वी शिष्य है। भगवान राम और कृष्ण आसमान में सूर्य और चंद्र की तरह है और तारे करोड़ों देवी देवताओं का रूप है। गुरु अंधकार में रोशनी है गुरु के प्रति भरोसा कभी भी नहीं तोड़ना चाहिए। आपने कहा कि जीव और ब्रह्म का मिलन ही परम तत्व है और यही शिव तत्व होता है। गुरु पूर्णिमा के दिन से ही श्रावण महोत्सव का भी शुभारंभ होता है। भगवान शिव की जागृत साधना से परम तत्व यानी गुरु पद प्राप्त होता है। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु से दूर भी हों तो जिनमें गुरु की छवि दिखे उन्हें भी प्रणाम कर आशीर्वाद लेना चाहिए। आपने कहा कि भक्त और भगवान का जब मिलन होता है तब वह मंदिर के शिखर का स्वरूप हो जाता है ।और माता पुत्र का मिलन घर को मंदिर बना देता है। आचार्य रामानुज जी ने मंदसौर से उनके लगभग 30 वर्षों के सतत संपर्क का उल्लेख किया।
    गुरु पूर्णिमा महोत्सव के आयोजन में सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि भगवान के प्रति श्रद्धा हममें  गुरु की ही प्रेरणा से जागृत होती है। भगवान को तो हमने किसी ने नहीं देखा गुरु ही वह माध्यम है जो हमें ईश्वर का साक्षात्कार कराता है। हमें सनातन के संदेश को पूरे समाज में पहुंचाना है।मुस्कुराना जीवन का सबसे बड़ा उपहार है।
    पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि हम मंदसौर वासियों के लिए यह बड़े ही सौभाग्य की बात है कि गुरु पूर्णिमा जैसे महान पर्व पर गुरु रूप में स्वयं आचार्य रामानुज इस धरा पर पधारे हैं। मानो घर बैठे गंगा आ गई है।आपकी उपस्थिति मात्र से मन प्रसन्नचित्त हो जाता है। श्री सिसोदिया ने कहा कि सनातन परंपरा में गुरु का दर्जा ईश्वर से भी ऊपर माना गया है इसीलिए कहा जाता है कि भगवान भी जब पृथ्वी पर मनुष्य के रूप में अवतार लेते हैं तो उनके भी आधार गुरु ही होते हैं।
    हरि कथा आयोजन समिति के अध्यक्ष नरेंद्र अग्रवाल ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा पर्व पर गुरुदेव आचार्य श्री रामानुज जी का मंदसौर आगमन हम सबके लिए अतिशय सौभाग्य का विषय है मंदसौर से आपका नाता सदा सर्वदा का है। अग्रवाल ने बताया कि जनवरी माह में पूज्य आचार्य श्री के मुखारविंद से श्री राम कथा के आयोजन में हरि कथा आयोजन समिति ने 21 कन्याओं के निशुल्क विवाह का संकल्प लिया था पूर्व में अक्षय तृतीया पर यह सामूहिक सम्मेलन करना था किंतु कतिपय कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया था। अब शीघ्र ही नगरवासियों की एक मीटिंग बुलाकर इस आयोजन की तिथि तय की जाएगी । कार्यक्रम में जिला पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक आनन्द ने भी उपस्थित होकर गुरुपूर्णिमा महोत्सव की बधाई दी ।
    इसी प्रकार अपना घर की बेटी शिल्पा के विवाह के समय की माहेश्वरी समाज ओर अपना घर की ओर से की गई एफडी की अवधि पूरी होने पर आचार्य श्री  के द्वारा उन्हें एफडी की प्रति भेंट की गई।
    आरंभ में आचार्य श्री रामानुज और मंचस्थ महानुभावों ने श्री तलाई वाले बालाजी की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। श्री हरि कथा आयोजन समिति के अध्यक्ष नरेंद्र अग्रवाल, सचिव सुरेश सोमानी, कोषाध्यक्ष सत्यनारायण छापरवाल ,मानवता मिशन ट्रस्ट के सचिव  श्री कृष्ण पाल सिंह और करुणा फाउंडेशन की ओर से कुसुम मतराना भी मंचासीन थे।
    आचार्य श्री का स्वागत सर्वश्री अशोक झलोया, सुरेश पाठक सुनील कटलाना ,राजेंद्र चाष्टा, प्रदीप भाटी, संजय वर्मा ,तनुजा कुंवर कुशवाह, किरण कुंवर चौहान ,सरिता कुंवर देवड़ा, पदमा चुंडावत आदि ने किया। श्री हरि कथा आयोजन समिति, श्री तलाई वाले बालाजी मंदिर ट्रस्ट, वैश्य महासम्मेलन ,पूज्य सिंधी जनरल एवं भाई बंध पंचायत, जय माता दी ग्रुप, विश्व हिंदू परिषद , मारवाड़ी युवा मंच, श्री श्याम नगर विकास समिति आदि संस्थाओं की ओर से आचार्य श्री रामानुज जी का शाल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया। बेबी क्रिशा अग्रवाल ने गुरु पूर्णिमा का ग्रीटिंग भेंट किया। आयोजन में बड़ी संख्या में  नगर के  गणमान्य जन ओर भक्तगण  सम्मिलित हुए । कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार व समाज सेवी बृजेश जोशी ने किया तथा आभार करुणा फाउंडेशन की  कुसुम मतराना ने माना।
    इसके पूर्व गुरु पादुका पूजन और दीक्षा के समय भी अनेक गुरु भक्त और दीक्षा लेने वाले महानुभाव सम्मिलित हुए।

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