महावीर अग्रवाल
मंदसौर २८ फरवरी ;अभी तक ; लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि “शक्तिमान” होते हैं क्योंकि जनता के बहुमत के आधार पर उन्हें चुना जाता है। वह संसद और विधानसभा में कानून का निर्माण करते हैं, किंतु किसी भी प्रकरण में यदि सांसद या विधायक स्थानीय अधिकारियों को चिट्ठी लिखते हैं और उन चिटठीयों की अवमानना होने लगेगी तो यह उनकी और अवमानना बल्कि उनको बहुमत देने वाली जनता का अपमान होता है।
पशुपतिनाथ स्थित जमीन जहां पर मेला लगता है, खसरा नंबर 2944 एवं 2986 जो कल 36250 वर्ग मीटर है जिसमें से 0. 2617 हेक्टेयर पर भोजनालय के निर्माण की अनुमति मांगी गई जो अपने आप में हास्यास्पद है। जबकि इस जमीन पर वर्षों से पशुपति नाथ का मेला लगता है तथा जो एक बडे धर्म स्थल के निकट है।
उक्त विषय में शिक्षाविद् रमेशचन्द्र चन्द्रे ने कहा कि- ऐसे स्थान पर टाउन एंड कंट्री प्लानर द्वारा किसी भी निर्माण की स्वीकृति नहीं दी जा सकती तथा इसके लिए उसे एनजीटी संबंधित धार्मिक ट्रस्ट स्थानीय नगर पालिका अथवा पंचायत और कलेक्टर अर्थात राजस्व कार्यालय से विधिवत अनुमति प्राप्त करने के बाद जब तक राज्य शासन इसकी पुष्टि ना करें, वहाँ कोई भी निर्माण की अनुमति जारी की सकती। यदि ऐसा हुआ है तो भी गलत है और नहीं हुआ है तो भी गलत है।
श्री चन्द्रे ने कहा कि- आश्चर्य होता है कि जब क्षेत्र के सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने 2024 अक्टूबर माह में ही कलेक्टर को चिट्ठी लिख कर सचेत किया था कि वह इस प्रकार की जमीनों को संरक्षित करें फिर भी प्रशासन द्वारा एक चुने हुए जनप्रतिनिधि के पत्र की अवमानना कर, इस प्रकार की अनुमति जारी करना यह एक बहुत बड़े षड्यंत्र का परिचायक है। यह संपूर्ण संसदीय क्षेत्र की जनता की अवमानना है।
श्री चन्द्रे ने यह भी कहा कि- जबकि हमारा सौभाग्य है कि उपमुख्यमंत्री मध्य प्रदेश, राज्यसभा सांसद मंदसौर के, क्षेत्रीय सांसद मंदसौर के, तथा तीनों ही भाजपा के, नगर पालिका भाजपा की, जिला पंचायत भाजपा की, मध्य प्रदेश की सरकार भाजपा की और उसके बाद भी ऐसे अनुचित निर्णय यदि हो जाते हैं तो यह मंदसौर शहर का दुर्भाग्य कहा जाएगा।
उक्त विषय को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है तथा टाउन और कंट्री प्लानर ने इस प्रकार की अनुमति जारी की है, उसकी जांच होनी चाहिए। निश्चित रूप से इसमें भ्रष्टाचार की दुर्गंध आ रही है और जनप्रतिनिधियों को भी चाहिए की जनता के हित में इस निर्णय लेकर सारे प्रकरण को जांच में लेना चाहिए।