दीपक शर्मा
पन्ना ५ जून ;अभी तक ; विश्व पर्यावरण दिवस पर ब्रह्माकुमारी विद्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बहन जी ने पर्यावरण दिवस का महत्व बताते हुए कहा कि हमारी जीवन शैली सदा ही पर्यावरण मित्र शैली रही जो कि पर्यावरण संरक्षण का कार्य स्वतः करती है, परंतु वर्तमान समय में हम प्रकृति से बहुत दूर चले गए हैं और प्रकृति तथा आध्यात्मिक का समन्वय भी बिगड़ गया है जिसके फल स्वरुप प्रकृति के पांच तत्वों का विध्वंसक रूप भी देखने को मिल रहा है प्रकृति यह संदेश दे रही है कि अब यह जागने का समय है प्रकृति के साथ संबंध जोड़कर उसे देव तुल्य मानने की परंपरा को आधुनिक युग में जीवित रखने की अति आवश्यकता है,
आगे आपने कहा है कि हम सभी जानते हैं एक बाहर की प्रकृति और एक मनुष्य के अंदर की प्रकृति होती है हमेशा यह देखा गया कि मनुष्य की आंतरिक प्रकृति का प्रभाव बाहर की प्रकृति पर भी पड़ता है इसलिए आवश्यकता है कि हम आंतरिक प्रकृति को सही करे ताकि हम बाहर की प्रकृति को भी ठीक रख सके, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अनुपम शर्मा जी डीएफओ पन्ना अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने जीवन शैली में कुछ छोटे-छोटे परिवर्तन करके पर्यावरण को शुद्ध बना सकते हैं जैसे, मार्केट जाते समय कपड़े के बेग का उपयोग यदि बहुत कम दूरी पर जाना है तो पैदल जाएं कचरे को यथा स्थान पर ही डालें,
अंत मे सभी ने प्रकृति को शुद्ध सात्विक बनाने की प्रतिज्ञा की बहन जी ने सभी से अपील करते हुए कहा कि सिर्फ पेड़ लगाना ही नहीं है लेकिन पेड़ों की बच्चों की तरह संभाल भी करनी है, प्लास्टिक मुक्त जीवन शैली अपनाये, पानी बिजली बचाकर स्वच्छ भारत बनाएंगे भारतीय संस्कृति को बचाएंगे आदि अनेक प्रतिज्ञा की कार्यक्रम में श्रीमती निशा जैन एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे, कार्यक्रम के अंत में वृक्षारोपण किया गया,


