देवेश शर्मा
मुरैना 16 फरवरी ;अभी तक ; ग्वालियर के बालक शिवाय अपहरणकांड के दो आरोपियों को मुरैना पुलिस ने शॉर्ट एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पहचान राहुल गुर्जर निवासी जिगनी और बंटी गुर्जर निवासी शिवलाल का पुरा, मुरैना के रूप में हुई है। जबकि अपहरण के दो आरोपी अभी फरार है। जांच में सामने आया कि पुरानी दोस्ती में रंजिश में बदलने के कारण वारदात को अंजाम दिया गया। आरोपियों की योजना एक करोड़ रुपए की फिरौती वसूलने की थी।
एसपी समीर सौरभ ने बताया भागने की कोशिश में दोनों बदमाशों के पैर में गोलियां लगीं।फिर जमीन पर गिरे बदमाशों को पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया। मुरैना जिला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि ग्वालियर में शिवाय गुप्ता के अपहरण में उनका हाथ है।एसपी ने बताया कि जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने 11 फरवरी को ही अपहरण की योजना बनाई थी। वे ग्वालियर के सीपी कॉलोनी पहुंचे थे, लेकिन रविदास जयंती के कारण स्कूल बंद होने से वारदात को अंजाम नहीं दे पाए। 13 फरवरी को वे दोबारा ग्वालियर गए। राहुल गुर्जर और बंटी गुर्जर स्प्लेंडर गाड़ी पर रेकी कर रहे थे, जबकि पिपरई गांव निवासी राहुल गुर्जर और भोला गुर्जर लाल रंग की अपाचे मोटरसाइकिल पर सवार थे। इन्हीं दोनों ने शिवाय का अपहरण किया।
बच्चे को 5-6 घंटे एक मकान में बंद रखा
पकड़े गए बदमाशों ने पुलिस पूछतछ में बताया कि 13 फरवरी को लिटिल एंजेल्स स्कूल जाते समय बालक शिवाय का अपहरण किया था। अपहरणकर्ता उसे भिंड रोड के रास्ते लक्ष्मणगढ़ ले गए, फिर हाईवे से मुरैना शहर के सुभाष नगर स्थित एक मकान में 5-6 घंटे तक बंद रखा। पुलिस का दबाव बढ़ने पर वे बच्चे को बड़ोखर, कलारी और नंदेपुरा रोड होते हुए मुरैना जिले के काजी बसई गांव के पास छोड़कर भाग गए। एक रिक्शा चालक शाहिद भाई ने बच्चे को रोते हुए देखा और सरपंच को सौंपा। सरपंच ने वीडियो कॉल के जरिए बच्चे के परिजनों से बात कराई। माता बसैया थाना प्रभारी जयपाल गुर्जर ने बच्चे को सकुशल बरामद कर एसपी ऑफिस पहुंचाया।
पुलिस के अनुसार, मास्टरमाइंड राहुल गुर्जर और शिवाय के मामा गौरव उर्फ ढप्पू के बीच कभी गहरी दोस्ती थी। दोनों एक ही थाली में खाना खाते थे और लाखों रुपयों का लेनदेन भी करते थे। राहुल गुर्जर ने गौरव की मदद से ट्रक खरीदे थे, लेकिन बाद में सोने के लेनदेन को लेकर दोनों में मतभेद हो गया। जिससे रंजिश पैदा हो गई। राहुल गुर्जर ने पहले गौरव के बेटे को किडनैप करने की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहा। इसके बाद उसने शिवाय के अपहरण की योजना बनाई।
अपहृत की मां शिवाय को एंजेल्स स्कूल की बस में बैठालने जा रही थी, उसी समय उसकी आंखों में मिर्ची झोंक कर उसके बेटे शिवाय को हाथ से छुड़ा लिया। छुड़ाने वालों में भोला गुर्जर निवासी गडौरा गांव तथा पिपरी गांव निवासी राहुल गुर्जर थे। दोनों अपाचे बाइक पर बालक शिवाय को बैठा कर ले गए थे। दूसरी स्प्लेंडर गाड़ी पर जीगनी गांव निवासी मास्टरमाइंड राहुल गुर्जर और उसका किराएदार बंटी गुर्जर था।
एक करोड़ की फिरौती मांगने की थी प्लानिंग
पुलिस को दिए बयान में राहुल गुर्जर ने बताया कि, उनकी एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगने की प्लानिंग थी। इसी प्लानिंग के तहत उन्होंने 5 फरवरी 2024 को राहुल गुप्ता के साले गौरव उर्फ ढप्पू के 6 साल के बेटे को उठाने का प्रयास किया था। अगर उसी समय बदमाशों को पकड़ लिया गया होता तो आज यह नौबत नहीं आती।
आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड
पुलिस ने बताया कि मास्टरमाइंड राहुल गुर्जर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, वह ट्रक चलाता है और छोटे-मोटे व्यापार करता है। बंटी गुर्जर किराए पर राहुल के मकान में रहता है और उस पर भी कोई बड़ा आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। फरार आरोपी पिपरई गांव निवासी राहुल गुर्जर और गड़ौरा गांव निवासी भोला गुर्जर आदतन अपराधी हैं और उन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।