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    Homeप्रदेशशुद्ध भाषा ज्ञान है आज की महती आवश्यकता

    शुद्ध भाषा ज्ञान है आज की महती आवश्यकता

    महावीर अग्रवाल
    मन्दसौर २३ फरवरी ;अभी तक ;   शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मंदसौर के अंग्रेजी विभाग द्वारा 15 दिवसीय  कार्यशाला *एक्सप्लोरिंग ग्रामर* का आज शुभारंभ हुआ। महाविद्यालय के जनभागीदारी अध्यक्ष श्री नरेश जी चंदवानी एवम प्राचार्य प्रो. जे. एस. दुबेजी के मार्गदर्शन में कौशल विकास गतिविधि के रूप में अंग्रेजी विभाग द्वारा  लगभग 150 विद्यार्थियों के साथ इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है ।
                                  कार्यक्रम के प्रारंभ में दीप दीपन कर माता सरस्वती का आशीर्वाद लिया गया। विषय प्रवर्तन करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. वीणा सिंह ने कहा कि यह १५ दिवसीय पाठ्यक्रम हमारे छात्रों को अंग्रेजी के व्याकरण के बारे में जानकारी प्रदान करेगा और अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में  सहायक होगा जैसे एस.एस.सी, रेलवे, बैंकिंग एवम पि.एस.सी  साथ ही महाविद्यालयीन परिक्षाओं में भी सहायक होगा ।
                                उन्होंने कहा कि यह निशुल्क पाठ्यक्रम कॉलेज के विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना के साथ में आयोजित किया गया है।पूर्व में भी विभाग द्वारा लेखन कौशल, अनुवाद कला आदि कौशल विकास कार्यक्रमों के द्वारा विद्यार्थियों के हित में प्रयास किया गया है। तेजी से ग्लोबल होती हुई इस दुनिया में कदम ताल मिलाने के लिए एक से अधिक भाषाओं का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। विद्यार्थी इस कार्यशाला का पूरा लाभ लें और कार्यशाला के अंत तक अंग्रेजी भाषा के प्रति आत्मविश्वास को अपने प्रयासों से जागृत करने में सफल हों ।
                                     महाविद्यालय के जनभागीदारी अध्यक्ष श्री नरेश जी चंदवानी ने कहा निरंतर अभ्यास से कठिन से कठिन काम भी सरल किया जा सकता है। यदि हम किसी प्रक्रिया का हिस्सा बनते हैं तो उस प्रक्रिया के प्रति हमें पूरी ईमानदारी बरत कर कार्य करना चाहिए, जिससे हमें वांछित लक्ष्य की प्राप्ति हो सके एवं यह कार्यशाला विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित होगी|। लगातार प्रयास करने से कठिन से कठिन काम सरल लगने लगते हैं और लगातार किसी भी भाषा को बोलने और लिखने का प्रयास करने पर उस भाषा में भी निपुणता हासिल की जा सकती है ।
                                     कॉलेज के प्राचार्य प्रो दुबे ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा इस तरह की गतिविधियां विद्यार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। प्राचार्य महोदय ने एड ऑन कोर्स का अर्थ समझाते हुए बताया की कक्षाओं के अतिरिक्त प्राध्यापकगण  विद्यार्थियों की जानकारी व कौशल में वृद्धि करने हेतु अतिरिक्त जानकारी प्रदान करते हैं यह प्रयास विद्यार्थियों के हित के लिए होते हैं।
                                    व्याकरण के महत्व को समझाते हुए  प्राचार्य प्रो जी एस दुबे जी ने अनेक सुंदर उदाहरण विद्यार्थियों की समक्ष रखे। उन्होंने लघु कथा के माध्यम से विद्यार्थियों को व्याकरण की महत्वता बताते हुए विषय में रुचि जागृत की।
                          व्याकरण का महत्व बताते हुए प्राचार्य महोदय ने उदाहरण जैसे स्वजन अर्थात मेरे प्रिय जन व श्वजन का उदाहरण श्वान से लिया जा सकता है,सकल शब्द का अर्थ पूर्ण ब्रह्मांड से होता है वही शकल शब्द एक व्यक्ति वस्तु या समूह को बताता है। इसी प्रकार अंग्रेजी भाषा में भी व्याकरण  का ज्ञान सही जानकारी और अर्थ के लिए अत्यंत आवश्यक है। अंग्रेजी में उन्होंने कोटेशन बताया डोंट फॉरगेट टु पॉइंट योर आइज एंड क्रॉस योर टी|
    आभार प्रदर्शन अंग्रेजी विभाग के  प्राध्यापक सचिन शर्मा ने किया एवम कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यार्थी अर्पित परमार के द्वारा कियागया। विभाग से प्रो दीप्ति शक्तावत एवम् डॉ. द्युति मिश्रा ने कार्यक्रम संयोजन में सहयोग दिया।

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