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    सद्भाव, संस्कार और धर्म की त्रिवेणी , जैनत्व संस्कार शिक्षण बाल शिविर का भव्य  समापन समारोह

    महावीर अग्रवाल

    मंदसौर १६ जून ;अभी तक ;   सकल जैन समाज द्वारा आयोजित साप्ताहिक जैनत्व संस्कार धार्मिक बाल शिविर का समापन आज एक धार्मिक गरिमा, आत्मीयता और सौम्यता के वातावरण में संपन्न हुआ। इस शिविर ने नन्हे बालकों के जीवन में धर्म, अनुशासन और संस्कारों की गहरी छाप छोड़ी।
    – धार्मिक परीक्षा का आयोजन
    शिविर के अंतिम दिवस पर धार्मिक परीक्षा का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने जैन धर्म के सिद्धांतों, नैतिक मूल्यों और आचार-विचार से संबंधित ज्ञान का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। उनकी उत्तर शैली और आस्थावान शब्दों ने सभी को अभिभूत कर दिया।
    – सम्मान एवं पुरस्कार वितरण
    सकल जैन समाज महिला प्रकोष्ठ की महामंत्री श्रीमती सारिका बाकलीवाल ने बताया कि परीक्षा के उपरांत शिविर के समापन मै सभी लाभार्थी बच्चों को सम्मानित किया गया। समाज द्वारा उन्हें प्रमाण-पत्र, धार्मिक साहित्य और प्रेरणात्मक उपहार प्रदान किए गए।साथ ही शिविर मै लग रह 5 कक्षाओं मै से प्रथम द्वितीय और तृतीय निकलकर उन्हें भी समापन के दौरान सम्मानित किया गया ।यह क्षण सभी के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण और भावनात्मक रहा। साथ ही महिला प्रकोष्ठ मीडिया प्रभारी अनिता धींग ने बताया कि शिविर के समापन मै शिविर मै सेवा देने वाले सांगानेर से पधारे शिक्षकगणों, महिला प्रकोष्ठ के मंत्रीगण, शिक्षा मंत्री, सह मंत्रीगण, युवा प्रकोष्ठ के पदाधिकारी, शिविर मै सहयोग देने वाले समाज के समाज गण, सकल जैन समाज के आधार स्तंभ सुरेंद्र लोढ़ा ,सकल जैन समाज के अध्यक्ष जयकुमार बडजात्या सकल जैन समाज के मंत्रीगण , शशि मारु, सकल जैन समाज के पूर्व अध्यक्षों व समाज के वरिष्ठजनों आदि को भी सम्मानित किया गया ।
    – धर्म के दीप से आलोकित हुआ समापन
    शिविर का समापन समारोह दीप प्रवजलन व नवकार मंत्र के साथ शुरू हुआ।शिविर के समापन के दौरान बच्चों द्वारा संस्कृति प्रस्तुति दी गई व महिला प्रकोष्ठ द्वारा भी फादर्स डे के उपलक्ष्य में भी प्रस्तुति दी गई।साथ ही शिविर समापन के दौरान महावीर स्वामी की जयकार से पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। समाज के वरिष्ठजनों, सेवाभावी कार्यकर्ताओं आदि की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को एक धार्मिक पर्व में परिवर्तित कर दिया।शिविर के समापन का संचालन श्रीमती शशि मारु द्वारा किया गया,जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को सटीक व प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।
    – शिविर के उद्देश्य की सार्थकता
    इस सात दिवसीय शिविर ने नन्हें बालकों को न केवल धर्म और संयम सिखाया, बल्कि उन्हें कर्तव्य, करुणा, मैत्री और आत्म-निर्माण की दिशा में एक सशक्त कदम बढ़ाने का अवसर भी दिया। बच्चों ने खेल-खेल में धर्म को समझा और जीवन मूल्यों को आत्मसात किया।
    – समाज की एक प्रेरक पहल
    सकल जैन समाज  के अध्यक्ष जयकुमार बड़जात्या ने बताया कि समाज द्वारा किया गया यह आयोजन भविष्य की जैन पीढ़ी को धार्मिक रूप से समृद्ध और नैतिक रूप से सक्षम बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल है। समाज की इस प्रयास के लिए पूरे क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है। यह समस्त जानकारी महिला प्रकोष्ठ मीडिया प्रभारी अनिता धींग द्वारा दी गई।
    यह शिविर नहीं, एक धर्मयात्रा थी… जो मासूम मनों में आत्मा, संयम और साधना की ज्योति जगा गई।

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