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    हंस के सामान गुण रूपी मोती चुगेंः-ब्रह्माकुमारी सीता बहन जी

    दीपक शर्मा

    पन्ना ४ फरवरी ;अभी तक ;  प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय पन्ना की ओर से अजयगढ़ में बसंत पंचमी का पर्व बड़े ही आध्यात्मिक रीति से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की पूजन तथा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया है।

    बहन जी ने सभी को बसंत पंचमी का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि मां सरस्वती से हमें प्रेरणा लेनी है, उनके समान निर्मल, पवित्र, शुद्ध मन रखना है। जब मन शुद्ध पवित्र होता है तो हमारे पास लक्ष्मी स्वतः आ जाती है। इस दिन पीले रंग का विशेष महत्व है पीला रंग समृद्धि सफलता और खुशहाली का प्रतीक है। आगे आपने कहा कि साथ ही हमें मां सरस्वती से प्रेरणा लेनी है, अपने मन-वचन-कर्म को पवित्र बनाने की। जब हमारे जीवन में पवित्रता आती है तो जीवन सुख शांति से भरपूर हो जाता है। मां सरस्वती को हंस की सवारी पर दिखाया गया है जो की पवित्रता का सूचक है, यह व्यर्थ और समर्थ को अलग करने में सक्षम होता है। आज हम सभी प्रतिज्ञा करें कि जीवन को व्यर्थ और नकारात्मक संकल्प बोल एवं कर्मों से सदा मुक्त करेंगे। मां सरस्वती को वीणा वादिनी भी कहा जाता है। वीणा तो सभी को बजाना नहीं आती है परंतु एक वीणा हम सभी के पास है, वह है हमारा मुख तो इससे हम सदा सुखदाई बोल ही बोलें, हंस के समान पवित्र सकारात्मक विचार ही धारण करें। अगर हम अपना जीवन सकारात्मक विचारों से भर लेंगे तो हमारे जीवन में सदा बहार रहेगी और हम सदा खुशहाल रहेंगे।

    इस अवसर पर मां सरस्वती की भव्य झांकी मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। झांकी एवं कलश यात्रा, मां सरस्वती मंदिर से प्रारंभ होकर शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए पुनः मंदिर पर समापन हुई। कार्यक्रम में वीरेंद्र कुमार जैन, संजय सुल्लेरे, लक्ष्मी गुप्ता, छेदीलाल रजक, एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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