आशुतोष पुरोहित
खरगोन 13,जून ;अभी तक ; – खरगोन जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) राजेन्द्र आचार्य को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई कलेक्टर भव्या मित्तल के आदेश पर गठित जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
जांच में राजेन्द्र आचार्य को अवंति सूत मिल, सनावद समेत 8 मामलों में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का दोषी पाया गया है। बैंक के प्रबंधक (योजना एवं विकास) पद पर कार्यरत रहते हुए उन्होंने नियमों को दरकिनार करते हुए अवंति सूत मिल को 62 करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत किया। इस पूरे मामले में अब तक 28 जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की संलिप्तता सामने आई है।
प्रभारी एमडी रहते हुए राजेन्द्र आचार्य पर कुल 110 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप लगे हैं। लेकिन जांच के दौरान आचार्य किसी भी आरोप के समर्थन में कोई साक्ष्य या दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके।
खरगोन जिला सहकारी बैंक के एमडी पी.एस. धनवाल ने बताया कि, “राजेन्द्र आचार्य को सेवा से पृथक कर दिया गया है और अब उनके विरुद्ध वसूली की कार्यवाही शुरू की जाएगी।” एफआईआर भी दर्ज कराई जायेगी। कलेक्टर महोदय के निर्देश पर जाॅच के बाद राजेन्द्र आचार्य को सेवा से बर्खास्त किया गया है।
यह मामला प्रदेश में सहकारी बैंकों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है और वित्तीय पारदर्शिता की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर करता है।


