More
    Homeप्रदेशराष्ट्रीय चंबल अभ्यारण देश की महत्वपूर्ण प्राकृतिक धरोहर - मुख्यमंत्री 

    राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण देश की महत्वपूर्ण प्राकृतिक धरोहर – मुख्यमंत्री 

    देवेश शर्मा
    मुरैना 17 फरवरी ;अभी तक ;  10 घड़ियाल 1 नर व 9 मादा को आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण राजघाट स्थित चम्बल नदी मुरैना में छोड़े गए है। इस अवसर पर उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष  नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री  ऐदल सिंह कंषाना, भाजपा प्रदेशअध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद श्री बी.डी. शर्मा, राजस्व मंत्री कर्ण सिंह वर्मा सबलगढ़ विधायक श्रीमती सरला रावत उपस्थित थीं।
                                      इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि चम्बल अभ्यारण्य हमारे देश की प्राकृतिक संपदा है। यहां दुर्लभ प्रकार की प्रजातियों का संरक्षण किया जा रहा है। बदलते हुये जलवायु के दुष्परिणामों के कारण इन प्रजातियों को नुकसान पहुंच रहा है। मध्यप्रदेश हमेशा से जैव विविधता के लिये महत्वपूर्ण प्रजातियों के संवर्धन एवं संरक्षण के लिये तत्पर रहा है।
                                 गौरतलब है कि राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य मुरैना में सन् 1981 से घड़ियाल ग्रो एण्ड रिलीज प्रोग्राम शुरु किया गया था। तब चंबल नदी में घड़ियाल की संख्या 100 से कम थी। उक्त प्रोग्राम से घड़ियाल पुनर्वास केंद्र देवरी पर प्रति वर्ष चंबल नदी से दो सौ अंडे लाकर देवरी केंद्र में घड़ियाल के शावकों को पालकर 120 सेंटीमीटर का होने पर प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया जाता हैं। मुरैना वन विभाग के अनुसार चंबल अभयारण्य में प्रति वर्ष जलीय जीवों का सर्वेक्षण माह फरवरी में किया जाता हैं। वर्ष 2024 की गणना में चंबल अभयारण्य में कुल 2456 घड़ियाल पाये गये थे। घड़ियाल पुनर्वास केंद्र पर 2024 बैच के 70,2023 बैच के 95, 2022 बैच के 85, 2021 बैच के 38 इस तरह कुल 288 घड़ियाल थे। इस वर्ष 108 घड़ियाल चंबल में छोड़ने की अनुमति वन विभाग को प्राप्त हुई है। जिनमें से 13 जनवरी 2025 को 4 नर, 21 मादा कुल 25, 19 जनवरी 2025 को 2 नर, 30 मादा कुल 32, 29 जनवरी 2025 को 10 नर, 11 मादा कुल 21, 6 फरवरी 2025 को 12 नर, 8 मादा कुल 20, इस वर्ष अभी तक 98 घड़ियाल रिलीज किए जा चुके हैं।
                                   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने चंबल सफारी का भ्रमण किया एवं घड़ियाल संरक्षण के बारे में वन विभाग से जानकारी ली।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Must Read

    spot_imgspot_img