मोदी के गुजरात दौरे का आज दूसरा दिन:सरदार पटेल की जयंती पर पीएम ने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर दी श्रद्धांजलि, एकता की दिलाई शपथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे का मंगलवार को दूसरा दिन है। पीएम आज सुबह नर्मदा जिले के केवडिया पहुंचे, जहां उन्होंने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में ही राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह मनाया रहा है। इस परेड में BSF और पुलिस के मार्च दस्ते भी शामिल हुए।
देशवासियों को एकता की दिलाई शपथ सरदार पटेल के स्टेच्यू पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पीएम ने देशवासियों को शपथ दिलाते हुए कहा- मैं राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का भी भरसक प्रयत्न करूंगा।
मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूं, जिसे सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों से संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान देने का भी सत्यनिष्ठा से संकल्प करता हूं।
मोदी इन कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे
इसके साथ ही पीएम मोदी केवडिया के एकता नगर (जहां पटेल की मूर्ति लगी है) में विकास और पर्यटन से जुड़े 196 करोड़ रुपए के कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन भी करेंगे। इसमें 30 ई-बस, सिटी गैस की फैसिलिटी और गोल्फ कार्ट्स का इनॉगरेशन शामिल है। पीएम एक विजिटर्स सेंटर का भी उद्घाटन करेंगे। यहां फूड कोर्ट, रेस्टॉरेंट और एंटरटेनमेंट के लिए कई फैसिलिटीज तैयार की गई हैं। साथ ही ड्रैगन फ्रूट की नर्सरी कमलम पार्क का भी उद्घाटन करेंगे और केवडिया में ट्रॉमा सेंटर और एक सौर पैनल के साथ उप-जिला अस्पताल की आधारशिला रखेंगे।
मेरा युवा भारत की वेबसाइट शुरू होगी
रविवार 29 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 106वें एपिसोड को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने 31 अक्टूबर से ‘मेरा युवा भारत’ नाम से राष्ट्रव्यापी संगठन शुरू करने की बात कही थी।
दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है स्टेच्यू ऑफ यूनिटी
सरदार पटेल की यह प्रतिमा (182 मीटर) दुनिया में सबसे ऊंची है। 2010 में मोदी ने बतौर मुख्यमंत्री इसे स्थापित करने का ऐलान किया था। 31 अक्टूबर 2013 से प्रतिमा का निर्माण शुरू हुआ, जो पांच साल बाद यानी कि 31 अक्टूबर 2018 को सरदार पटेल की 143वीं जयंती पर पूरा हुआ। प्रतिमा का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था।
109 टन लोहे का इस्तेमाल किया गया
इस प्रतिमा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके लिए देश भर के पांच लाख से अधिक किसानों के पास से 135 मीट्रिक टन खेती-किसानी के पुराने औजार दान में लिए गए, जिन्हें गलाकर 109 टन लोहा तैयार किया गया। इसी लोहे का उपयोग इस प्रतिमा में किया गया है।
2.10 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट और 6 हजार टन स्ट्रक्चरल स्टील से बनी है मूर्ति
इस प्रतिमा की लागत 2989 करोड़ रुपए आई। मूर्ति में 2.10 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट-कंक्रीट और 2000 टन कांसे का उपयोग हुआ है। 6 हजार 500 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18 हजार 500 टन सरियों का इस्तेमाल किया गया है। यह 12 किमी इलाके में बनाए गए तालाब से घिरी है।
प्रतिमा 6.5 तीव्रता के भूकंप के झटके और 220 किमी की स्पीड के तूफान का भी सामना कर सकती है। प्रतिमा के निर्माण में 85% तांबे का उपयोग होने से हजारों साल तक इसमें जंग नहीं लग सकती। प्रतिमा की गैलरी में खड़े होकर एक बार में 40 लोग सरदार सरोवर डैम, विंध्य पर्वत के दर्शन कर सकते हैं।