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लीड ;ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में विश्व के सबसे बड़े तैरते  सोलर पावर प्लांट को तूफान की वजह से भारी नुकसान

मयंक शर्मा
खंडवा १० अप्रैल ;अभी तक;  मंगलवार को 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चली हवा के कारण जिलेके  ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में विश्व के सबसे बड़े तैरते  सोलर पावर प्लांट को तूफान की वजह से भारी नुकसान हुआ है.। एनएचडीसी की ओर से 88 मेगावाट का जो प्लांट ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर के इंधावड़ी में बनाया जा रहा है. उसे तूफान की वजह से भारी नुकसान हुआ है.।
                                एनएचडीसी के जनरल मैनेजर डीके द्विवेदी ने बताया कि तूफान के कारण इंधावड़ी प्लांट के उपकरणों को नुकसान हुआ है . निर्माण कर रही टाटा कंपनी के अधिकारियों से चर्चा की है. नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है।
                              उन्होने बताया कि ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में केलवा खुर्द में 100 मेगावाट, इंधावड़ी में 88 मेगावाट और एखंड गांव में 90 मेगावाट की क्षमता के प्लांट लगाए जा रहे हैं.।  इंधावड़ी के 88 मेगावाट प्लांट को लॉन्चिंग क्षेत्र के पास पार्क किया गया था, इस तूफान नें लॉचिंग के समय फ्लोटिंग सोलर प्लांट के एक हिस्से में सोलर मॉड्यूल को नुकशान पहुंचाया है.।इसमें केलवा खुर्द गांव के पास एम्प कंपनी का 100 मेगावाट का काम लगभग पूरा हो चुका है. पिछले रविवार को ही कंपनी ने बनाए प्लांट की लाइन को ग्रिड से जोड़ने के लिए काम शुरू किया. 100 एमवीए का ट्रांसफार्मर चार्ज हो गया है और लाइन की टेस्टिंग भी कर ली है.।तूफान के कारण पहले चरण में सोलर प्लांट से बिजली के उत्पादन का काम प्रभावित होगा,।ें
                               ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में स्थित तीन इकाई से प्रदेश को कुल 278 मेगावाट बिजली की भी बात कही थी.

 

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