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तुम्हारी जुल्फ के साये में शाम कर लूंगा, दशपुर रंगमंच ने आयोजित की सुरीली संगीत संध्या

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २० मई ;अभी तक;  नगर की सांस्कृतिक संस्था दशपुर रंगमंच ने सुरीली संगीत संध्या का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत आबिद भाई ने गीत ‘‘मैं ढूंढता हूं जिनको ख्वाबों में ख्यालों में वह मुझको मिल सके ना सुबह के उजालो में’’ से की। नंदकिशोर राठौर ने ‘‘सुभानल्लाह होए हंसी चेहरा’’ गीत सुनाया। नरेंद्र सागोरे ने गीत ‘‘ठहरे हुए पानी में कंकर ना मार सावरी मन में हलचल सिमट जाएगी बावरी’’ को गाया।
                        ललिता मेहता ने गीत ‘‘फूल तुम्हें भेजा है खत में, फूल नहीं मेरा दिल है’’ को सुन्दर रूप से प्रस्तुत किया। अभय मेहता ने गीत ‘‘चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाए हम दोनों’’ को  सुनाया। योगेश गोविंदानी ने ‘‘आपसे गिला आपकी कसम’’ को अपनी आवाज में गाया।
                     रानी राठौर ने गीत ‘‘रोज-रोज आंखों तले’’ तथा श्याम गुप्ता ने ‘‘मेरे नैना सावन भादो फिर भी मेरा मन प्यासा’’ को सुनाया। हिमांशु वर्मा ने ‘‘माना तेरी नजर में तेरा प्यार हम नहीं’’ को बखूबी प्रस्तुत किया।
                         सतीश सोनी ने सदा बहार गीत ‘‘कोई नजराना लेकर आया हूं मैं दीवाना तेरे लिए’’ को सुनाया। डॉ विक्रांत भावसार ने गीत ‘‘चांद मेरा दिल चांदनी हो तुम’’ को सुनाकर तालियां बटोरी।
                             स्वाति रिछावरा ने जगजीत सिंह की गजल ‘‘उस मोड से शुरू करें फिर यह जिंदगी’’ को प्रस्तुत किया। दिव्यांश वर्मा ने गीत ‘‘तुम्हारी जुल्फ के साये में शाम कर लूंगा’’, भारत लखानी ने गीत ‘‘मेरे रंग में रंगने वाली परी हो या परियों की रानी’’ तथा लोकेंद्र पांडे ने गीत ‘‘कभी यादों में आऊं कभी ख्यालों में आऊं  ’’ को सुनाया। संगीत संध्या का संचालन संस्था अध्यक्ष संचालन अभय मेहता ने किया व आभार ललिता मेहता ने माना।

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