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ग्राम कोलवा में भव्य कलश यात्रा के साथ प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

महावीर अग्रवाल 

मंदसौर २३ मई ;अभी तक;  प्रधानमंत्री सड़क से लगे हुए ग्राम कोलवा में हजारों वृक्ष के बीच कलश यात्रा के साथ तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा का अद्भुत कार्यक्रम कार्यक्रम विधि विधान के साथ आयोजित हुआ। मां गायत्री, मां सरस्वती व मां लक्ष्मी की प्रतीमा की स्थापना के साथ ही संपूर्ण शिव परिवार की स्थापना ग्राम कोलवा में की गई। इसके साथ ही 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ किया गया।
                                    गायत्री परिवार के वरिष्ठ केंद्रीय प्रतिनिधि श्री तिवारी द्वारा 23 मई को यज्ञ का शुभारंभ करते हुए कहा कि गांव गांव के अंदर गायत्री यज्ञ पहुंच चुका है यह गायत्री सद्बुद्धि की देवी है जिसकी वर्तमान समय में बहुत आवश्यकता है । वेद मूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने विशेष 24-24 लाख के जो और छाछ के अंदर थोड़े सा अन्न लेते हुए गायत्री संत बनकर उन्होंने दिखा दिया कि गायत्री हर व्यक्ति की कामधेनु है बस उसे ब्राह्मण जैसा जीवन जीने का संकल्प लेकर वह प्रत्येक सिद्धि को प्राप्त कर सकता है। परम पूज्य में अपने पास कुछ नहीं रखा है सब कुछ अपने शिष्यों को समाज को बांट दिया । उनकी भविष्यवाणी पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो चुकी है। आपने कहा कि आने वाले समय में यह गायत्री शक्तिपीठ के छोटे-छोटे केंद्र जन जागरण के केंद्र बनेंगे जो भी साधना करने वाला व्यक्ति यज्ञ में भागीदारी करता है उसका जीवन धन्य हो जाता है। इस समय में हर व्यक्ति को गायत्री मंत्र जपना ही चाहिए। गायत्री परिवार द्वारा कोलवा ग्राम के अंदर हजारों वृक्ष के बीच में बना यह शक्ति केंद्र जीवन को जागृत बना रहा है। यहां आकर आत्मा शांति का अनुभव होगा। श्री हाड़ा ने अपने जीवन की कमाई के साथ ही कई श्रद्धालुओं ने अपनी कमाई का अंश यहां लगाया है। आपने नगर की जनता से आह्वान किया है कि 25 तारीख को इस यज्ञ की पूर्णाहुति होगी मंदसौर के समीप लगे हुए 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित प्रधानमंत्री सड़क से लगा कोलवा का तीर्थ स्थल पर 25 तारीख की पूर्णाहुति में  बढ़-चढ़कर आहुति गायत्री मां को प्रदान करें और देव दर्शन करें।
प्रातः 9 बजे से ही ग्राम कोलवा में नव निर्मित गायत्री शक्तिपीठ प्राण प्रतिष्ठा के लिए 24 कुंडी गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ पास के ही आश्रम  के महात्मा मोहन दास की कुटिया से प्रारंभ होकर संपूर्ण गांव में भ्रमण करते हुए शक्तिपीठ स्थल पर पहुंची। जिसमें आसपास के अनेक गांव के भाई बहनों ने बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ भाग लिया। 700 कलश लिए माताएं बहनें,बेटियां और उसके साथ अनेक अन्य महिलाएं  कलश यात्रा में गीत गाते हुए नारे लगाते हुए नाचते झूमते हुए साथ चल रहे थे।
कलश यात्रा यज्ञ स्थल पर पहुंचकर गायत्री परिवार उप जोन उज्जैन से आए प्रभारी श्री महेश आचार्य एवं सहयोगी श्री अल्केश पटेल द्वारा उद्बोधन किया गया। मंच पर मां गायत्री महालक्ष्मी और मां दुर्गा के रूप में तीन कन्याओं को श्रृंगार कराया गया था, साथ ही उदयपुर से आए हुए श्री रमेश पुरोहित महाराणा प्रताप की भूमिका में थे। उप जोन प्रभारी का स्वागत जिले से आए हुए शक्तिपीठ,प्रज्ञा पीठ एवं मंडलों के प्रमुख परिजनों द्वारा कराया गया। रात्रि 8 बजे से शांतिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधि तथा मध्य जोन सह समन्वयक श्री प्रभाकांत तिवारी और उनकी टोली द्वारा युग संगीत और गायत्री साधना  और आज उसकी आवश्यकता विषय पर उद्बोधन,चिंतन प्रस्तुत किया। मां गायत्री, मां दुर्गा मां लक्ष्मी और शिव पंचायत की भव्य  प्राण प्रतिष्ठा के बाद शांतिकुंज प्रतिनिधि का शक्तिपीठों का उद्देश्य और उनके रख रखाव की व्यवस्था पर गंभीर चिंतन दिया और आरती के बाद 24 कुंडीय यज्ञ के लिए देव आव्हान पूजन तथा युग संगीत संदेश दिया गया । इस कार्यक्रम में मंदसौर के साथ आसपास के गांव से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भागीदारी की। 22 से 25 मई तक यह कार्यक्रम 24 कुंडीय गायत्री यज्ञ के साथ विशेष आहुतियां एवं संस्कारों के साथ 25 मई को इस महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी। इस यज्ञ में विशेष संस्कार भी किए जाएंगे। यहां जनेऊ संस्कार, मुंडन संस्कार, पुष्पम संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार दीक्षा भी दिलाने का व्यवस्था इस कार्यक्रम में रखी गई है। यह जानकारी जाती परिवार के वरिष्ठ केशव शिंदे द्वारा दी गई।

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