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जेके सीमेंट कंपनी द्वारा लगातार लिया जा रहा अवैध रूप से केन नदी का पानी, टाईगर रिजर्व के वन्य जीव हो रहे परेशान

दीपक शर्मा

पन्ना २३ मई ;अभी तक; पन्ना जिले के सिमरिया तहसील अंतर्गत ग्राम पुरैना में स्थित जेके सीमेंट कंपनी के द्वारा केन नदी के पानी पर कब्जा किए जाने से क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है। नदी के बीच इंटकवेल बनाकर प्रतिदिन लाखों गेलन पानी खींचा जा रहा है, ऐसे में नदी का जलस्तर तेजी से घट रहा है। केन नदी में जहां इन दिनों 5 से 10 फिट तक पानी रहता था वहां अब धारा टूटने लगी है, जिससे क्षेत्र का जलस्तर लगातार घट रहा है, कुआं हेडपंप आदि भी जवाब देने लगे हैं। पेयजल संकट से क्षेत्रीय किसानों सहित पशु पक्षियों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।

जल समस्या ग्रस्त जिले में केवल आम नागरिकों पर प्रतिबंध गर्मियों में इस बार भी कलेक्टर द्वारा पन्ना जिले को जल अभावग्रस्त जिला घोषित किया गया है, बिना अनुमति बोर उत्खनन, भवन निर्माण, सार्वजनिक जल श्रोतों से खेतों की सिंचाई सहित पानी के अधिक उपयोग वाले कई कार्य प्रतिबंधित किए गए हैं, वहीं दूसरी ओर जेके सीमेंट के द्वारा मनमानी पूर्वक केन नदी का पानी खींचा जा रहा है।

लोगों ने बताया कि बोर उत्खनन, भवन निर्माण या खेतों की सिंचाई की सूचना पर अधिकारी तत्काल कार्रवाई करने पहुंच जाते हैं लेकिन जेके सीमेंट की मनमानी के खिलाफ कार्रवाई तो दूर अभी तक निरीक्षण भी नहीं किया गया जिससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है। पन्ना टाइगर रिजर्व में जल संकट की आहट देश की सबसे स्वच्छ नदियों में गिनी जाने वाली केन नदी पन्ना टाइगर रिजर्व से गुजरती है, गर्मियों में जंगल के जल श्रोत सूखने पर वन्य प्राणियों के लिए केन नदी ही सहारा रहती है लेकिन जेके सीमेंट की मनमानी से नदी का जलस्तर तेजी से घट रहा है जिससे पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणियों के सामने भीषण जल संकट उत्पन्न होने की आशंका जताई जा रही है। केन घड़ियाल अभ्यारण पर भी खतरा पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र में केन नदी पर स्थित केन घड़ियाल अभ्यारण पर भी खतरा बताया जा रहा है।

जानकारों का कहना है कि अनगिनत जलीय जीव गर्मियों में प्रजनन करते हैं लेकिन पानी की मात्रा कम होने से तापमान नियंत्रित नहीं रहता जिससे जलीय जीवों को प्रजनन में कठिनाई होती है, ऐसे में अनगिनत जीव जंतुओं की प्रजातियां विलुप्त होने की आशंका रहती है। पर्यावरण को खतरा जेके सामेंट की मनमानी से केन नदी के साथ-साथ अनगिनत जलीय जीवों की प्रजातियों एवं पर्यावरण को भी खतरा बताया जा रहा है एवं इस मनमानी को शीघ्र रोकने की मांग उठाई जा रही है, अब देखना यह होगा कि जिले के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी एवं कलेक्टर सुरेश कुमार के द्वारा जेके सीमेंट प्रबंधन की इस मनमानी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है, यह भविष्य के गर्त में है।

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