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गुम हुए लाइसेंस पर मोटरसाइ‌किल फाइनेंस करवाने वाले आरोपीगण को हुआ 3-3 वर्ष का कठोर कारावास

विधिक संवाददाता
इंदौर ३१ मई ;अभी तक ;  जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव, ने बताया कि दिनांक 30.05.2024 को माननीय न्यायालय अरुण श्रीवास्तव, अपर सत्र न्यायालय, विशेष न्यायालय (विद्युत अधिनियम) क्रमांक-7, इंदौर, ने थाना परदेशीपुरा, इंदौर के अपराध में दांडिक प्रकरण क्रमांक 38830/2007 में निर्णय पारित करते हुए आरोपीगण 1. नितिन पिता हरीशचंद्र पाठक, उम्र 42 वर्ष, निवासी इंदौर, 2. प्रशांत पिता नरेन्द्र जैन, उम्र 36 वर्ष, निवासी इंदौर को धारा 420, 467, 468 भा.दं.सं. में 3-3 वर्ष का कठोर कारावास तथा धारा 471 भा.दं.सं. में 1-1 वर्ष का कठोर कारावास व कुल 8000-8000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया। प्रकरण में जिला अभियोजन अधिकारी के निर्देशन में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती अविसारिका जैन द्वारा की गई।
अभियोजन का प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थी निखिल पाटिल का ड्राइविंग लाइसेंस गुम जाने के कारण उसने दिनांक 05.05.2007 को आरक्षी केन्द्र परदेशीपुरा पर रिपोर्ट की थी, जिसके पश्चात् दिनांक 23.08.2007 को सिटी फाइनेंशियल इंडिया लिमिटेड से एक व्यक्ति ने आकर प्रार्थी के नाम से उनके यहाँ से फाइनेंस करवाकर रेमन मोटर्स से वाहन स्प्लेंडर प्लस खरीदने की जानकारी दी, प्रार्थी ने सुरक्षा की दृष्टि से आई.सी.आई.सी.आई. बैंक में दिनांक 01.09.2007 को इस संबंध में आवेदन दिया तो उसे पता चला कि उसके नाम से दिनांक 23.08.2007 को एक और वाहन प्रीतम ऑटो मोबाइल से उठाया गया है, जिसके संबंध में फाइनेंस की कार्यवाही की जा रही है।
प्रार्थी ने उपर्युक्त फाइनेंस से संबंधित दस्तावेज देखें, जिनमें प्रार्थी के गुम हुए लाइसेंस की प्रति और उसके पिताजी के नाम का विद्युत बिल लगा हुआ था, जिस पर एम-2/285, अयोध्या नगरी का पता डला हुआ था, उक्त पते पर जाने पर वहाँ प्रार्थी को अभियुक्तगण प्रशांत जैन तथा नितिन पाठक मिले, जिनसे इस संबंध में बात करने पर उन्होंने उपर्युक्त वाहनों पर फाइनेंस उनके द्वारा करवाया जाना स्वीकार किया और उन्होंने प्रार्थी से पुलिस कार्यवाही नहीं करने का निवेदन किया।
प्रार्थी ने दिनांक 04.09.2007 को घटना के संबंध में आरक्षी केन्द्र परदेशीपुरा पर लेखी आवेदन दिया, जिसके आधार पर उक्त दिनांक को ही अपराध क्रमांक 431/2007 पर अभियुक्तगण नितिन पाठक और प्रशांत जैन के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध करने के उपरांत विवेचना प्रारंभ की गई। संपूर्ण विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिस पर से अभियुक्तगण को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।

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