प्रदेश

राइस मिलर्स की समस्याओं से प्रबंध संचालक को  कराया अवगत

मोहम्मद सईद
शहडोल 1 जून ; अभी तक ; मध्यप्रदेश चावल उद्योग महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष आशीष अग्रवाल के नेतृत्व में महासंघ के पदाधिकारियों ने गत दिवस भोपाल में मप्र. स्टेट सिविल सप्लाइज़ कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध संचालक से भेंट की। महासंघ के पदाधिकारियों ने प्रबंध संचालक से प्रदेश के राइस मिलर्स की समस्याओं के निराकरण के संबंध में चर्चा की और मिलर्स की समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन भी सौपा।
                            मध्यप्रदेश चावल उद्योग महासंघ के पदाधिकारियों ने प्रबंध संचालक को बताया कि प्रदेश के मिलर्स को वर्ष 2023-24 में की गई मिंलिंग में भारतीय खाद्य निगम में चावल जमा करने पर दी जाने वाली अपग्रेडेशन राशि क्रमश 1:4 के रेशों में जमा करने पर 100 रुपये, 3:2 के रेशों में जमा करने पर 200 रुपये एवं शत-प्रतिशत और भारतीय खाद्य निगम में जमा करने पर 250 रुपये पूर्व के वर्षों मैं दी जाती थी,किंतु इस वर्ष इस संबंध में आदेश आज दिनांक तक जारी नही किये गए है, अतः मिलर्स को भारतीय खाद्य निगम में चावल जमा करने पर दी जाने वाली अपग्रेडेशन राशि का भुगतान करने संबंधी आदेश जारी किया जाए। मिलर्स द्वारा वर्ष 2022-23 में उपार्जन हेतु समितियों में जमा किये गए बारदानों पर मिलर्स को दिए जाने वाले उपयोगिता व्यय राशि मे से राज्यांश का 2.68 रुपये प्रति नग का भुगतान आज दिनांक तक आप्राप्त है, अतः उक्त राशि का भुगतान किए जाने संबंधी आदेश जारी किया जाए और मिलर्स द्वारा वर्ष 2023-24 में उपार्जन हेतु समितियों में जमा किये बारदानों का उपयोगिता व्यय राशि का भुगतान करने हेतु आदेश जारी किया जाए।
लोडिंग-अनलोडिंग बढ़ाया जाए
                                          पदाधिकारियों ने बताया कि मिलर्स द्वारा सी एम आर चावल बाजार से खरीदकर 1 प्रतिशत मिक्स किये गए एफ आर के चावल का भुगतान मिलर्स को आप्राप्त है, अतः उक्त राशि का भुगतान करने संबंधी आदेश जारी किया जाए। मिलर्स द्वारा वर्ष 2022-23 के उपार्जन हेतु समितियों में जमा किये गए कम/अधिक बारदानों का वसूली/भुगतान के संबंध मे मुख्यालय द्वारा आदेश जारी करके भुगतान/वसूली 18.91 रुपये प्रति नग से करने का आदेश जारी किया गया है, जबकि वर्ष 2021-22 के उपार्जन हेतु जमा किये गए बारदाने की वसूली/भुगतान के संबंध मे 29.76 प्रति नग से भुगतान / वसूली करने का आदेश जारी किया गया था,अतः वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में जमा किये गए बारदानों का भुगतान/वसूली वर्ष 2021-22 की तरह 29.76 रुपये प्रति नग से करने सम्बंधी आदेश जारी किया जाए। मिलर्स को धान एवं चावल की लोडिंग-अनलोडिंग बढ़ती हुई महंगाई को देखकर पूर्व के वर्षों से कम से कम 20 प्रतिशत बढ़ाई जाना न्यायोचित है, किंतु निगम द्वारा आदेश जारी करके पूर्व के वर्षों में जो लोडिंग्-अनलोडिंग दी जाती थी उसको घटा दी गयी है, जो कि उचित नही है, अतः पूर्व के वर्षों में दी जाने वाली हमाली को 20 प्रतिशत बढ़ाकर मिलर्स को भुगतान किए जाने सबन्धी आदेश जारी किया जाए। मिलर्स को मिलिंग के पश्चात मिलिंग, परिवहन, हमाली एवं समस्त देयकों का भुगतान विभाग द्वारा ऑन लाइन किया जाता है किंतु ऑनलाइन भुगतान में मिलर्स के बिलों में अनाप-शनाप पेनाल्टी काटी जा रही है, जो कि सरासर अन्याय है, क्योंकि जमीनी स्तर पर मिलिंग करने मे अनेकों कठिनाइयां आती है, जिसकी वजह से धान उठाने एवं चावल जमा करने में कभी-कभी विलंब हो जाता है, जिसके लिए मिलर्स दोषी न होकर परिस्तिथिवश विलंब हो जाता है, अतः पोर्टल में सुधार करवाकर अनर्गल पेनाल्टी को विलुप्त करवाया जाए।
लंबित देयकों का भुगतान कराया जाए
                                            महासंघ के पदाधिकारियों ने प्रबंध संचालक को यह भी बताया कि मिलर्स द्वारा नान एवं मार्कफेड से अनुबंध करके रेशों अनुसार चावल भारतीय खाद्य निगम में जमा किया जाता है। मिलर्स का भारतीय खाद्य निगम से कोई सीधा संबंध नही है, अतः मिलर्स द्वारा भारतीय खाद्य निगम में जमा किये ज रहे चावल पर दी जाने वाली परिवहन, हमाली एवं एफ आर के की राशि का भुगतान अनुबन्धकर्ता एजेंसी नान/मार्कफेड द्वारा किया जाए। शहडोल, उमरिया जिले मे भारतीय खाद्य निगम मैं चावल जमा करने का रेशों 40 से 45 प्रतिशत निर्धारित किया गया है, जबकि इन जिलों में भारतीय खाद्य निगम के पास गोदाम एवं स्थान ही उपलब्ध ही नही है, जिसकी वजह से मिलर्स को एक-एक महीने तक चावल जमा करने के स्टेक नही मिल रहे है, अतः अन्य जिलों की तरह शहडोल एवं अनूपपुर में भी 20 प्रतिशत के रेशों में भारतीय खाद्य निगम में चावल जमा करवाया जाए, शेष चावल नान में जमा करवाया जाए। साथ ही
भारतीय खाद्य निगम द्वारा मिलर्स को स्थान भी उपलब्ध करवा जाए, ताकि मिलर्स समय सीमा के अंदर चावल जमा कर सके। मुख्यालय द्वारा जिलो को भुगतान न किये जाने की वजह से मिलर्स के कोई भी देयकों का भुगतान नही हो पा रहा है, जिसकी वजह से मिलर्स को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अतः मिलिंग वाले जिलो में मुख्यालय से अधिक से अधिक राशि भेजकर मिलर्स के लंबित देयकों का भुगतान करवाया जाए।
प्रकरणों को वापस लिया जाए
                                           महासंघ के पदाधिकारियों ने प्रबंध संचालक को यह भी अवगत कराया कि गत वर्ष मुख्यालय द्वारा शहडोल एवं अन्य जिलो में राइस मिलों का भौतिक परीक्षण करवाकर स्टॉक का वेरिफिकेशन करवाया गया था एवं मिलिंग उपरांत निकलने वाले खंडे को स्टॉक में शामिल नही किया गया था जो कि न्यायोचित नही था। क्योंकि मिलिंग में लगभग 20 प्रतिशत खण्डा अलग से निकलता है,जिसकी वजह से प्रदेश के कुछ जिलो की कुछ मिलो में स्टॉक में अंतर पाया गया था एवं इन मिलो के विरुद्ध मुख्यालय के आदेश पर जिला कार्यालयों द्वारा पुलिस थानों में प्राथमिकी दर्ज करवा दी गयी थी। मिलर्स द्वारा शासन का समस्त चावल शासन के गोदामों में जमा करवा दिया गया है, किंतु इसके बाद भी आज दिनांक तक जिला कार्यालयो द्वारा मिलर्स के विरुध्द दर्ज करवाये गए प्रकरणों को वापस नही लिया गया है। जबकि इस वर्ष मिलिंग चालू करने के पूर्व तत्कालीन प्रमुख सचिव एवं प्रबंध संचालक द्वारा मिलर्स के विरुध्द दर्ज मामलों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करके वापस लेने का आश्वासन दिया गया था, अतः जिला कार्यालयों को आदेशित करके मिलर्स के विरुध्द दर्ज मामलों को वापस लेने सबन्धी आदेश जारी किया जाए।

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