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अंडों से बाहर निकल आए घड़ियाल के 28 बच्चे, तीन साल बाद छोड़ा जाएगा चंबल में

देवेश  शर्मा
मुरैना 10 जून ;अभी तक; रविवार का  दिन चम्बल घड़ियाल केंद्र देवरी (मुरैना)के लिए खुशियों भरा था। घड़ियाल के 28 बच्चे अंडों से निकल बाहर आए तो उन्हें पोटेशियम परमेगनेट के घोल में  नहला कर उन्हें कूल में रिलीज किया गया। बच्चों को बड़े होने के बाद चंबल नदी में छोड़ा जाएगा।
                             हम  यहां बता दें कि राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य की सीमा में घड़ियाल क्षेत्र की सीमा में 2456 घड़ियाल विचरण कर रहे हैं, जो प्रतिवर्ष चंबल नदी के तट पर अंडे देते हैं, जिन्हें वन विभाग के लोग एकत्रित कर मार्च-अप्रैल महीने में मुरैना ज़िले के देवरी घड़ियाल केंद्र पर लाकर नदी के रेत जितने तापमान पर रखा जाता है।
                           मुरैना के वन मंडल अधिकारी स्वरूप दीक्षित ने बताया कि रविवार को घड़ियाल केंद्र पर तैनात कर्मचारियों ने चूं चूं की आवाजें सुनी तो अन्य कर्मचारियों को बुलाया गया।देखते ही देखते 28 बच्चों ने अंडों के कवच तोड़े और बाहर निकल आए।
                          दीक्षित ने बताया कि बच्चे अंडों में से ही 15 से 20 दिन का भोजन लेकर आते हैं।

उन्हें तीन वर्ष तक हैचिंग सेंटर देवरी में रखा जाता है, जिसके बाद घड़ियालों की लंबाई 1 मीटर 20 सेंटीमीटर होने पर उन्हें चंबल नदी में छोड़ दिया जाता है। देवरी इको सेंटर में घडियाल के बच्चों को सावधानी से पाला जाता है। तीन साल की अवधि पूरी होने से पहले ही उन्हें चंबल नदी में छोड़ दिया जाता है।

 

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