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ईमानदारी जिंदा है ; नारकोटिक्स के भयान ने रुपए व दस्तावेज लौटाए
महावीर अग्रवाल
मंदसौर २२ जून ;अभी तक; इस दुनिया में अब भी ईमानदारी जिंदा है इसका एहसास अक्सर कुछ ईमानदार लोग करवाते रहते हैं। ऐसा ही ईमानदारी का परिचय नीमच नारकोटिक्स विभाग में पदस्थ टेक्नीशियन कैलाश भयान ने पत्रकार ललित एम पटेल की रुपयों व दस्तावेज से भरी थैली लौटकर दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 19 जून की दोपहर करीब एक बजे पत्रकार ललित एम पटेल अपनी माताजी चंद्रकांता पटेल की आंखों का उपचार करवाने हेतु अस्पताल जा रहे थे। इस दौरान उनकी मोपेड पर एक हरे रंग की थैली, जिसमें उनकी माताजी के बीमे, पेंशन की रसीद व एक हजार रुपए नकद पड़े थे टँगी हुई थी, जो अचानक धचका आने से कहीं रास्ते में गिर गई। इस बात का भान उन्हें अस्पताल के बाहर पहुँचने पर हुआ। बाद में काफी खोजने पर थैली नहीं मिली। इसके बाद शनिवार दोपहर करीब पौने एक बजे कांग्रेस नेता एवं समाजसेवी महेश मोदी का फोन आया कि कोई सज्जन है जो आपकी माताजी की डाक लेकर आए हैं। पटेल तत्काल मोदी पान कार्नर पर पहुँचे। यहाँ पहचान बताने के बाद उक्त सज्जन कैलाश भयान निकासी नारायण नगर मंदसौर(टेक्नीशियन नीमच नारकोटिक्स) ने उक्त थैली जिसमें नकदी व दस्तावेज जस का तस रखे हुए लौटाए।
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि थैली गिरते ही भयान के हाथ लग गई थी, जिसे लेकर वे करीब चार दिन से जनकुपूरा की गलियों आदि क्षेत्र में खोजबीन करते रहे और शनिवार को गोवर्धनलाल मलासिया निवासी धनकुटा गली के बताए अनुसार महेश मोदी के पास पहुँचे। पत्रकार पटेल ने उन्हें उक्त ईमानदारी पर नकदी देते हुए पुरुस्कृत करने की बात भी कही लेकिन भयान की दरियादिली और बड़प्पन रहा कि उनने इसे अस्वीकृत कर दिया। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि दुनिया में ईमान और ईमानदारी दोनों ही जीवंत है।