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भारतीय न्याय संहिता, सुरक्षा संहिता एवं साक्ष्य अधिनियम में किए गए आमूल चूल परिवर्तन

महावीर अग्रवाल

मंदसौर 1 जुलाई ;अभी तक; भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 में किए गए संशोधन एवं नवीन कानून के संबंध में एक विशेष कार्यशाला जिला पंचायत सभागार में आयोजित की गई। कार्यशाला के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दुर्गा विजय पाटीदार, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव, पुलिस अधीक्षक श्री अनुराग सुजानिया, पूर्व मंत्री श्री नरेंद्र नाहटा, पूर्व विधायक श्री यशपाल सिंह सिसोदिया, सीईओ जिला पंचायत श्री कुमार सत्यम, श्री नानालाल अटोलिया, नगर पालिका उपाध्यक्ष श्रीमती नम्रता प्रितेश चावला, कार्यक्रम का संचालन एडिशनल एसपी श्री गौतम सिंह सोलंकी द्वारा किया गया एवं आभार सीएसपी श्री सतनाम सिंह द्वारा किया गया।
कार्यशाला के दौरान बताया गया कि इन नए कानून से भारतीय न्याय संहिता में आमूल चूल परिवर्तन किए गए हैं। भारतीय दंड संहिता को भारतीय न्याय संहिता में बदल गया है। अब न्याय संहिता पीड़ित केंद्रित हो गई है। अब जनता को जल्द न्याय मिलेगा। न्याय जल्द मिले इसके लिए समय सीमा निर्धारित कर दी गई है। अब पीड़ित स्वयं अपनी तरफ से वकील भी ले जा सकता है। किसी भी केस में पीड़ित को सुनना अब बहुत जरूरी है। बिना सुने किसी भी केस की वापसी नहीं होगी। नवीन धाराओं में जुर्माने के साथ-साथ सजा की अवधि भी बढ़ाई गई है। कई नई धारा जोड़ी गई है और कुछ हटाई गई है। जीरो एफआईआर और ई एफआईआर का प्रावधान किया गया है। पहले 167 धारा हुआ करती थी, जिसको बड़ाकर अब 170 कर दी गई है। सुरक्षा के साथ न्याय दिलाने पर ज्यादा फोकस किया गया है। आतंकवादी कृत्य को भी इसमें शामिल किया गया है। राजद्रोह को अब देशद्रोह के रूप में बदल दिया गया है। अब न्याय समय के साथ शीघ्र मिलेगा। आपराधिक कानून का संकलन एनसीआरबी मोबाइल ऐप के माध्यम से भी देखा जा सकता है।

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