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निजी एवं सरकारी गोदामों से कर्मचारियों एवं अधिकारियों की सांठगांठ से सरकारी अनाज की हेराफेरी

आनंद ताम्रकार

बालाघाट ९ जुलाई ;अभी तक; जिले में निजी एवं सरकारी गोदामों से कर्मचारियों एवं अधिकारियों की सांठगांठ से सरकारी अनाज की हेराफेरी की जा रही है। इस बात का खुलासा सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी से हुआ।

गोदामों में भण्डारित अनाज की आवक जावक ऑनलाइन किये जाने की व्यवस्था है वहीं गोदामों में कम्प्यूटर सिस्टम लगाकर गोदाम प्रबंधकों एवं जिला कार्यालय से संलग्न किये जाने के निर्देश है लेकिन अभी भी दिन भर की आवक जावक का कच्चा हिसाब बनाया जाता है और अनाज की हेराफेरी करने के बाद उसमें आवश्यकतानुसार आवक जावक दर्ज की जाती है।

सूचना के अधिकार के तहत जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम बालाघाट के जिला प्रबंधक द्वारा बाबा राइस मिल सावंगी द्वारा कस्टम मिलिंग के माध्यम से 1 मई 2022 से नवंबर 2022 की अवधि में प्रदाय की गई चावल की मात्रा गोदाम का नाम जहां चावल प्रदाय कर भंडारित किया गया है गोदाम रसीद,ट्रक नंबर एवं दिनांक की जानकारी चाही गई थी जिसके तारतम्य में दिनांक 5 जनवरी 2023 को पत्र क्रमांक 1744 के माध्यम से संबंधित मिलर की गोदामवार जमा सीएमआर चावल की जानकारी जिला प्रबंधक पीयूष माली द्वारा प्रदान की गई जिसमें अवगत कराया गया की एग्रीमेंट आईडी क्रमांक 38213818222101 लाट नंबर 10 एक्सेप्टेंस नंबर सीएमआर ए221130201351890 सीएमआर दिनांक 30 नवंबर 2022 ट्रक क्रमांक एमपी 50एच 1299 एक्ससेप्टैंस कॉम 289.04 जूट न्यू बैग 580 बैग कुशल वेयरहाउस खापा गुणवत्ता निरीक्षक का नाम शैलेन्द्र बघेल।
इसके उपरांत 13 जनवरी 2023 को पत्र क्रमांक 1797 के माध्यम से जानकारी देते हुए जिला प्रबंधक द्वारा अवगत कराया गया की एग्रीमेंट आईडी 38213818222101 लाट नंबर 10 सीएमआर ए221130201351890 दिनांक 30 नवंबर 2022 एमपी 50 एच 1299, एक्ससेप्ट नंबर 289.04 जूट न्यू बैग  580 बैग, कुशल वेयर हाउस खापा गुणवत्ता निरीक्षक आर के नागभीरे के नाम की जानकारी उपलब्ध कराई गई दोनों जानकारियां का अध्ययन करने के बाद स्पष्ट हो जाता है कि चावल की आवक जावक दर्ज करने की आड़ में फर्जी कागजातों का उपयोग किया जा रहा है जिसकी आड़ में फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा है।
580 बोरा चावल का बाजार मूल्य लगभग 12 लाख रुपये बताया गया है।

इस संबंध में जानकारी मिली कि शैलेन्द्र बघेल गुणवत्ता निरीक्षक के नाम से दिनांक 30 नवंबर 22 को निरीक्षण करना बताया गया है उक्त शैलेन्द्र बघेल कई माह पूर्व वारासिवनी से अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया है फिर शैलेन्द्र बघेल का उल्लेख दस्तावेजों में कैसे किया गया।

ऐसी कारगुजारी सुनियोजित तरीके से अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत की जा रही है गोदामों से सरकारी चावल की हेराफेरी खुलेआम की जा रही है गोदामों के स्टाक का भौतिक सत्यापन किया जायेगा तो असलियत खुद ब खुद उजागर हो जायेगी।
यह उल्लेखनीय है कि दोनों जानकारी देने के बाद जिला प्रबंधक ने आज दिनांक तक तत्संबंध में कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया।

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