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72 बोरी नकली डीएपी खाद जब्त, उर्वरक कंपनी,डीलर और 2 अन्य के खिलाफ आपराधिक प्रकरण कायम

आनंद ताम्रकार

बालाघाट ११ जुलाई ;अभी तक;  बालाघाट जिले में इन दिनों खरीफ के मौसम की धान बोआई का कार्य जोरो से चल रहा है इस दौरान किसानों को उनके आवश्यकता के अनुसार डीएपी खाद की पूर्ति के लिये किसानों की डिमांड रहती है।

                   इसकी आड़ में कृषि विभाग की टीम ने 72 बोरी नकली डीएपी खाद जब्त की गई है इस मामले में कृषि विभाग ने उर्वरक कंपनी,डीलर और 2 अन्य के खिलाफ आपराधिक प्रकरण कायम किया है।

अधिकारिकसूत्रों के अनुसार कृषि विभाग की टीम बुधवार रात्रि करीब 9.30 बजे गोपनीय सूचना के आधार पर वारासिवनी अनुविभाग के कोस्ते ग्राम में मुनेश चौहान के घर दबिश दी। वहां 2 वाहनों के माध्यम से खाली की जा रही और भण्डारित की गई नकली डीएपी और सुपर फास्टफेट की 72 बोरियां बरामद की जिसे जब्त कर लिया गया है।
कृषि विभाग की टीम ने उर्वरक निर्माण कंपनी देवास के साथ सिद्धिविनायक कृषि विकास केन्द्र वारासिवनी के प्रोप्राइटर दीक्षांत जैतवार, मुनेश चौहान और अजीत रमेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

कृषि विभाग के उपसंचालक राजेश खोब्रागडे ने अवगत कराया की बालाजी फास्फेट प्रा.लि.देवास की रत्नम सिंगल सुपर फास्फेट को प्रधानमंत्री जन उर्वरक परियोजना डीएपी की खाली बोरी में भरा जा रहा था वहां पर भरी हुई बोरियां भी पाई गई नकली खाद से भरी 50 किलोग्राम के 72 बोरी वाहन से खाली कराते हुए मिले। बोरी का वजन कराये जाने पर 1 बोरी में मात्र 36 किलोग्राम खाद भरी पाई गई। जांच टीम को पता चला की इस तरह के 35 बैग अन्यत्र भेजे गये है।

कृषि उपसंचालक राजेश खोब्रागडे जिला प्रशासन के निर्देश पर वारासिवनी पुलिस थाने में उर्वरक निर्माण कंपनी के साथ ही सिद्धिविनायक कृषि केन्द्र वारासिवनी के डीलर दीक्षांत जैतवार,मुनेश चौहान और अजीत रमेश के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है।

वारासिवनी पुलिस थाना के प्रभारी बिभेन्द्र व्यंकट टांडिया ने बताया की विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज किया गया और अग्रिम विवेचना की जा रही है।

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