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दो माह में एक सैकड़ा नवजात शिशुओं की मौत मचा हड़कप राजधानी तक पंहुचा मामला, स्वास्थ सेवाए लचर

दीपक शर्मा

पन्ना ११ जुलाई ;अभी तक; पन्ना जिले में स्वास्थ सेवाए लचर चल रही है। जिसके चलते जिला अस्पताल सहित स्वास्थ केन्द्रो की व्यवस्थाये बदतर है, लगातार मातृ मृत्युदार, शिशु मृत्युदर बड़ रही है। जबकी सरकार द्वारा मातृ मृत्युदार एवं शिशु मृत्युदर कम करने के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित कर रखे है तथा उक्त कार्यक्रमो के माध्यम से आम लोगो को जागरूक करने के साथ साथ डिलेवरी के पूर्व अनेक प्रकार की जांचे एवं इलाज तथा दवाईया आदि उपलब्ध कराने के कार्यक्रम भी चलाये जाते है।

महिलाओं का बजट शिशुओ की जांच सहित सभी प्रकार से संरक्षित करने के लिए अनेक प्रोग्राम स्वास्थ विभाग द्वारा चलाये जा रहें है। उसके बाजवूद पन्ना जिले मे विगत दो माह मई-जून में 93 शिशुओं की मृत्यु का मामला सामने आने से राजधानी भोपाल तक स्वास्थ विभाग मे हड़कप मचा हुआ है।

उक्त मामले का खुलासा मीडिया द्वारा किया गया। जिसको लेकर भी स्वास्थ विभाग मे अपना बचाव करते हुए मनमाने ढंग से आकडे जारी किये है।

गौरतलब है कि सरकार द्वारा स्वास्थ विभाग को भारी भरकम बजट दिया जाता है तथा अनेक प्रकरण के उपकरण, मशीन, दवाए उपलब्ध कराई जाती है तथा गहन चिकित्सा इकाइ मे रखकर नवजात शिशुओ का इलाज किया जाता है। उसके बावजूद इस प्रकार की स्थिती सामने आ रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। जहां एक ओर जिले मे चिकित्सको की कमी स्वास्थ विभाग के जिम्मेवारो द्वारा बताई जा रही है। लेकिन जितने चिकित्सक उपलब्ध है वह भी अपनी बेहतर सेवाए देने का कार्य नही करते है जिला चिकित्सालय में आने वाले मरीजो को चिकित्सक इलाज नही करते अपना समय पूरा करके घरो मे बैठकर फीस लेकर ही ईलाज करते हुए देखे जाते है। जिले के जिम्मेवार अधिकारी जिला प्रमुख कलेक्टर तथा अन्य अधिकारी भी समय समय पर स्वास्थ विभाग का निरीक्षण नही करते है। सिर्फ औपचारिकता ही निभाते नजर आते है। जिस प्रकार से नवजात शिशुओ की मृत्यु का आंकडा बढा है। इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहीए आगे बेहतर स्वास्थ सुविधाए उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाना चाहीए। जिले के जिम्मेवार सांसद तथा विधायको को भी सिर्फ कोरी ब्यान बाजी छोडकर हकीकत में स्वास्थ सुविधाओ को बेहतर बनाने की दिशा मे आगें आना चाहीए तथा जिले के लिए चिकित्सक एवं अन्य स्टाप लाने कि दिशा मे प्रयास करना चाहीए। क्योकि पन्ना जिला की लगभग दस लाख से अधिक की आबादी जिला चिकित्सालय पर ही निर्भर है। गरीब एवं आर्थिक रूप से कमजोर इस जिले के लोगो को चिकित्सा सुविधाए उपलब्ध कराने के लिए हर प्रकार से आंगे आ कर कार्य करने की दिशा मे कार्य करना चाहीए।

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