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नई तकनीक के इलाज से कैंसर को दी जा सकती है शिकस्त

मोहम्मद सईद

शहडोल 14 जुलाई अभीतक। कैंसर की बीमारी आज जिस तरीके से लोगों में बढ़ रही है, उसके लिए कैंसर के प्रति सचेत रहने और आम जन मानस में जागरूकता की बेहद आवश्यकता है। कैंसर की बीमारी के प्रति जागरूकता लाने के लिए सभी को मिल जुल कर आगे आना होगा। कैंसर के इलाज के लिए जो एडवांस टेक्नोलॉजी उपलब्ध है, उसमें चौथे स्टेज के कैंसर का भी इलाज किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्थित रामकृष्ण केयर अस्पताल मध्य भारत का एक ऐसा अत्याधुनिक अस्पताल है, जहां नई तकनीक इम्यूनोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी और रोबोटिक सर्जरी द्वारा कैंसर के मरीजों का सफल इलाज किया जा रहा है। यह बात रामकृष्ण केयर अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रवि जायसवाल ने शहडोल में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही।

                              डॉ.जायसवाल ने बताया कि पिछले 10 सालों में साइंस ने जो एडवांसमेंट किया है, उसमें यह बात समझ में आ रही है, कि कैंसर की बीमारी जींन के लेबल पर होती है, इसलिए जीन के डिफेक्ट को समझना होगा। उन्होंने बताया कि बायोप्सी के बाद एक जांच होती है नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंस(एनजीएस)जिससे पता चलता है, कि कैंसर कौन से रास्ते से फैल रहा है और उस रास्ते को टारगेटेड टैबलेट, टारगेटेड इंजेक्शन या इम्यूनोथेरेपी से रोका जाता है। उन्होंने बताया कि कीमोथेरेपी से आगे की तकनीक इम्यूनोथेरेपी है।

                          उन्होंने बताया कि रामकृष्ण केयर अस्पताल के मेडिकल एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे द्वारा एक सुचारू टीम की संरचना की गई है जिसमें, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग एवं रक्त रोग विशेषज्ञ अपनी सेवायें मरीजों को दे रहे हैं। डॉक्टर जायसवाल ने यह भी बताया कि रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में कैंसर मरीजों के लिए बीस सर्जन हैं जो छत्तीसगढ़ में किसी अन्य स्थान पर नहीं हैं। साथ ही अस्पताल में कीमोथेरेपी के लिए 30 बेड रिजर्व हैं। उनका यह भी कहना है कि कैंसर का इलाज करने के लिए हमारी टीम पूरी तरह से सक्षम है।
                         डॉक्टर जायसवाल ने यह भी बताया कि हर महीने के दूसरे रविवार को शहडोल और अनूपपुर में कैंसर मरीजों के परामर्श के लिए वह उपलब्ध रहते हैं।

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