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स्वराज एवं सुशासन जीवन का सर्वोपरी लक्ष्य होना चाहिए

महावीर अग्रवाल 

मंदसौर २० जुलाई ;अभी तक;  बाल गंगाधर तिलक एवं शहीद चंद्रशेखर आजाद दोनों के ही त्याग बलिदान एवं उनके प्रेरणास्पद प्रसंगो का स्मरण करते हुए आज भी कृतज्ञ राष्ट्र उनके बताए मार्ग पर चलने हेतु कृत संकल्पित है स्वराज के बिना हमारा जीवन और धर्म निरर्थक है देशवासियों में इसकी ललक सर्वप्रथम लोकमान्य तिलक ने ही जगाई  थी।

उक्त विचार प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस नीमच से पधारे राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ- आर- सी- वर्मा ने छात्र&छात्राओं के सम्मुख व्यक्त किया। आप स्थानीय पीजी महाविद्यालय में स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लोकमान्य तिलक एवं चंद्रशेखर आजाद के प्रेरणास्पद प्रसंग पर मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे प्रोफेसर वर्मा ने कहा कि तिलक की दृष्टि में स्वराज केवल देश की राजनीतिक मांग ही नहीं अपितु नैतिक रूप से अनिवार्य भी है।

शहीद चंद्रशेखर आजाद के प्रेरणास्पद प्रसंगो की चर्चा करते हुए संस्था प्राचार्य डॉक्टर बी- आर- नलवाया ने कहा कि मध्य प्रदेश की माटी में जन्मे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक एवं लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी का हर पल  राष्ट्र को समर्पित था । इस अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर सरिता अग्रवाल ने इस बात पर बल दिया कि हमें इन दोनों ही महापुरुषों से प्रेरणा लेते हुए राष्ट्र चरित्र निर्माण के लिए नई शिक्षा के पाठयक्रमो में औद्योगिक एवं प्राविधिक शिक्षा को केंद्रीय स्थान देना चाहिए डॉक्टर अग्रवाल ने तिलक एवं आजाद के महत्वपूर्ण प्रसंगो की चर्चा करते हुए गणेश उत्सव एवं शिवाजी जयंती के महत्व को भी रेखांकित किया।

डॉ संतोष सिंह मालवीय ने आजाद नाम कैसे पड़ा तथा गांधी जी राजगुरु और बिस्मिल की  प्रेरक चर्चा की।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रोफेसर सोहन यादव ने छात्रों को जागरुक करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों को औपचारिकता में न लेते हुए जीवन में उतारना चाहिए। अंत में आभार प्रहलाद भट्ट ने माना ।

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