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कलेक्टर के निर्देश से जनसुनवाई कक्ष के बाहर नवीन आयुष्मान केंद्र प्रारंभ 

महावीर अग्रवाल
मंदसौर 6 अगस्त ;अभी तक ;  साप्ताहिक जनसुनवाई कलेक्टर कार्यालय सभागृह में आयोजित की गई। जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर श्रीमती अदिति गर्ग ने सभी लोगों की समस्याओं को ध्यान से सुना तथा तत्काल मौके पर निराकरण करवाया। कलेक्टर के निर्देश के पश्चात जनसुनवाई के बाहर आयुष्मान केंद्र प्रारंभ हो गया है, आज जो लोग आयुष्मान कार्ड न होने से संबंधित शिकायत लेकर आए थे, उनका आयुष्मान कार्ड बनवाया गया। अब प्रति मंगलवार आम जनता के आयुष्मान कार्ड जनसुनवाई के दौरान भी बनेंगे।
                               जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि आम जनता की समस्याओं को बहुत ही गंभीरता के साथ, ध्यान पूर्वक सुने तथा निराकरण भी उतनी ही गंभीरता के साथ करें। सरकार ने आपको आम जनता की समस्या निराकरण के लिए बिठाया है, इसलिए आम जनता की समस्या को अच्छे सुने। जनसुनवाई में 104 आवेदन प्राप्‍त हुए। जनसुनवाई के दौरान अपर कलेक्टर श्रीमती एकता जायसवाल, ऑनलाइन माध्यम से विकासखंड के अधिकारी जुड़े तथा वीसी के माध्यम से ही लोगों की समस्याओं को सुना और निराकरण किया।
कलेक्टर ने सामाजिक न्याय विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि जितने भी दिव्यांग व्यक्तियों ने व्हीलचेयर के लिए आवेदन किया है, उनको तत्काल व्हीलचेयर प्रदान करें। इसके साथ ही कुछ लोगों ने वृद्धावस्था पेंशन के लिए आवेदन दिया था, इस पर कलेक्टर ने कहा कि नियमानुसार जांच कर पात्रता के आधार पर तुरंत पेंशन प्रकरण स्वीकृत किया जाए।
सभी राजस्व अधिकारी आदेश के साथ-साथ उसका पालन भी फील्ड में करवाए
कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि रेवेन्यू कोर्ट से जितने भी आदेश होते हैं, आदेश जारी होने के साथ-साथ उसका फील्ड में पालन भी होना चाहिए। अगर जनसुनवाई में कोई व्यक्ति आवेदन देता है तो उसका निराकरण आदेश में करने के साथ-साथ ही फील्ड पर भी उसका निराकरण होना चाहिए। सभी एसडीएम अपनी अपनी कोर्ट को अच्छे से देखें। साथ ही अपर कलेक्टर सभी एसडीएम, तहसीलदारों की कोर्ट को चेक करेंगे, सभी तहसीलदार कंफर्ट जोन से बाहर निकल के कार्य करें।
नायब तहसीलदार संजीत को बिना जांच किए ही प्रकरण को सीधे कलेक्टर को भेजने पर नोटिस जारी करने की निर्देश दिए गए। इस संबंध में विशेष तौर पर कहा कि सिर्फ प्रकरण के निराकरण के लिए ही कार्यवाही ना करें, उस प्रकरण की व्यवस्थित जांच करें। उसके पश्चात निराकरण करें। जितने भी आदेश जारी किए जाते हैं उनका जमीनी स्तर पर लागू करें। इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें।

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