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जय रामजी की प्रयास सेवा समिति ने छप्पन भोग महोत्सव का आयोजन किया

महावीर अग्रवाल

मन्दसौर १३ अगस्त ;अभी तक ;   स्थानीय वरुण देव मंदिर शुक्ला चौक में स्थित सिंधी समाज के अति प्राचीन देव स्थान भगवान श्री झूलेलाल के मंदिर में चल रहे 40 दिनों के पवित्र पावन चालिया उत्सव के अंतर्गत जय रामजी की प्रयास सेवा समिति द्वारा आयोजित छप्पन भोग मे सर्वप्रथम समाज के आराध्य देव भगवान श्री झूलेलाल की महाआरती की गई तत्पश्चात पल्लव अरदास भोग मंत्र के बाद भगवान श्री झूलेलाल को भोग अर्पित किया गया। जिसके पश्चात वहां मौजूद सभी श्रद्धालु भक्तजनों ने छप्पन भोग के दर्शन का आनंद लिया एवं उसके साथ ही भोग प्रसाद का लाभ लिया।
                                        इस अवसर पर पूज्य सिंधी जनरल पंचायत के अध्यक्ष राम कोटवानी, वरुण देव संचालन समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण रायमलानी, सिंधु महल समिती के संयोजक काका श्री दृष्टानंद नेनवानी, लाडी लोहाना सिंधी पंचायत के पूर्व प्रांत अध्यक्ष देवीदास हरवानी, पूज्य सिंधी भाई बंध पंचायत के पूर्व अध्यक्ष नंदू भैया आडवाणी, जय रामजी की प्रयास सेवा समिति के अध्यक्ष प्रकाश लालवानी, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष नानालाल अटोलिया, मंदसौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक विपिन जैन, रेडक्रॉस सोसाइटी के चेयरमेन प्रीतेश (रिप्पी) चावला, सांसद प्रतिनिधि गौरव अग्रवाल, भारतीय जनता पार्टी उत्तर मंडल अध्यक्ष अरविंद सारस्वत, मंदसौर कमर्शियल बैंक के अध्यक्ष विनय दुबेला, स्थानीय पार्षद दिव्या माहेश्वरी, पार्षद प्रतिनिधि अनूप माहेश्वरी, भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व जिला महामंत्री मिथुन वप्ता, जिला धार्मिक उत्सव समिति के सभी सदस्य, समाजसेवी जितेंद्र गेहलोत,  मार्शल आर्ट अकैडमी के संचालक गगन कुरील सहित सैकड़ो की संख्या में सिंधी समाजजन मातृशक्ति, वरिष्ठजन, युवा साथी एवं जय रामजी की प्रयास समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे कार्यक्रम की धार्मिक गतिविधि पंडित चतुर्भुज शर्मा, मुरली पारवानी, पूनम मखिजा द्वारा संपन्न कराई गई।
                                      उल्लेखनीय है कि अखंड भारत के सिंध प्रांत मे ग्यारहवी सदी में जब एक जालिम शासक मिरख शाह ने प्रजा पर काफी अत्याचार कर रखा था, अपनी ताकत के दम पर क्रूरता पूर्वक जबरन लोगों का धर्मांतरण करने लगा था, तब वहां के लोगों ने जो कि जल देवता की पूजा करते थे, सबने सिंधु नदी के किनारे जाकर लगातार चालीस दिनों पूजा पाठ व्रत उपवास रखकर भगवान को पुकारा तब चालीसवें दिन आकाशवाणी हुई कि आप लोग चिंता ना करें मै जल्द ही चैत्र माह की चंद्रमा की तिथि को नसरपुर मे रतनराय व देवकी देवी के यहाँ जन्म लूंगा व उस आतंकी के आतंक से सभी को मुक्ति दिलाऊँगा, और ठीक उसी दिन उन्होंने अवतार लिया और धर्म की रक्षा हेतु मिरख शाह का आतंक समाप्त किया, उन्हीं चालीस दिनों की याद मे प्रतिवर्ष सिंधी समाज जन चालीस दिनों तक व्रत उपवास रख कर भगवान को पुकारते है, और अपने परिवार समाज शहर व देश की खुशहाली की कामना करते है।

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