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पिकअप से कुचलकर वन रक्षक की हत्या, मृतक व आरोपी सब्जी व्यापारी के बीच गत दिवस हुई थी हाथापायी,

एस पी वर्मा
सिंगरौली १३ अगस्त ;अभी तक ;       जिला मुख्यालय से तक़रीबन 80 किलोमीटर दूर चितरंगी थाना क्षेत्र के ग्राम दरबारी नाला के पास पिकअप से कुचलकर वन रक्षक की निर्मम हत्या को अंजाम देने की सनसनीखेज घटना  प्रकाश मे है. गत दिवस आरोपी व मृतक के बीच सब्जी के दर को लेकर गीर बाजार मे हाथपायी हुई थी जिससे ु
उसका बदला लेने आरोपी चालक ने मंगलवार की प्रातः 9 बजे जाने के दौरान सुनियोजित तरीके से सुनसान जंगली सडक दरबारी नाला मे पीछे से मोटरसायकल मे टक्कर हत्या को अंजाम दिया. आरोपी का मृतक से नफ़रत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की पीछे टक्कर मारने के बाद आरोपी को तसल्ली नहीं हुई तो वापस मृतक के शरीर पर बोलेरो चढ़ाया और घसीटते हुए लगभग 900 मीटर दूर तक ले गया. स्थानीय लोग ज़ब तक पुलिस को सूचित करते उससे पूर्व आरोपी पिकअप लेकर फरार हो गया.
                             घटना की जानकारी मे एस डी ओ पी चितरंगी आशीष जैन ने बताया की मंगलवार की प्रातः 9 बजे मृतक अपने निवास ग्राम गीर से वन विभाग ऑफिस ड्यूटी जाने के लिए मोटरसाइकिल से निकला था और जैसे ही ग्राम दरबारी नाला के पास पहुंचा है वैसे ही पहले से इंतजार कर रहे आरोपी कमलेश साकेत निवासी झाखरावल ने अपने पिकअप से पीछे से टक्कर मार हत्या को अंजाम दे दिया. .
                                श्री जैन के अनुसार  आरोपी पेशे से सब्जी विक्रेता है और साप्ताहिक बाजार ग्राम गीर मे गत दिवस सब्जी बेचने गया था जहाँ सब्जी के रेट को लेकर वन रक्षक के बीच कहा सुनी  हो गयी थी दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ गया था कि हाथा पायी तक हो गयी थी. मामूली विवाद का बदला लेने की नियत से आरोपी ने मंगलवार को पिकअप से कुचलकर हत्या को अंजाम दे दिया. घटना के बाद आरोपी के सभी संभावित स्थानों के साथ उसके घर पर दबिश दी गयी लेकिन वह अपने पत्नी बच्चों के साथ फरार है. उसके घर पर कोई नही मिला. आरोपी की तलाश के लिए तीन टीम गठित कर दी गयी है सम्भवतः 24घंटे के भीतर पुलिस अभिरक्षा मे होगा. आरोपी के खिलाफ  भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है.
*ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद हरकत मे आई पुलिस*
                                 जानकारी के अनुसार वन रक्षक की पिकअप से कुचलकर हुई वीभत्स हत्या की खबर जंगल मे लगी आग की तरह जैसे ही फैली उसके बाद आदिवासी नेता अशोक सिंह पैगाम के नेतृत्व मे दो सैकड़ा ग्रामीण आरोपी के गिरफ्तारी को लेकर अड़ गए और शव नही उठाने दे रहे थे एस डी ओ पी श्री जैन के समझाइस के बाद लोगों ने प्रदर्शन बंद किया और पुलिस के कार्यवाही मे सहयोग किया.

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